नगर के प्रमुख चिकित्सक डॉक्टर अश्विनी कुमार जैन के पुण्यतिथि के अवसर पर उनके पुत्र डा. हर्षित जैन एवं उनकी पुत्रवधू डॉक्टर आँचल अग्रवाल जैन रामनगर स्थित अपना घर आश्रम पहुंचे, जहां उन्होंने आश्रम में रहने वालों के साथ समय व्यतीत किया और उनसे मिलकर उनका हाल जाना और सहयोग प्रदान किया।
उनकी बहन ने अश्रुपूर्ति नेत्रों के साथ अपनी रचना ‘‘छीन लिया जब क्रूर काल ने ईश्वर भी नही हुए सहाय, कैसे भूले प्यारे भाई तुम तो थे सबके दिल के पास। काश की ऐसा होता की वापस आ जाते तुम, और बुरा स्वप्न समझ कर हम भूल जाते। प्रभु का अन्याय, बहुत याद आते हो आशु नम नयनों से करते याद।’’ श्रद्धासुमन अर्पित किया।
डॉ. अश्वनी जैन अपने चिकित्सकीय हुनर के लिए तो जाने जाते ही थे साथ में काशीवासी आज भी उन्हें उनकी मीठी बोली के लिए हृदय से याद करते हैं। डॉ जैन के लिए मरीजों की सेवा सदैव ही प्रथम रही। आज जबकि देर से आना एक परिपाटी हो गई है डॉ अश्वनी कुमार जैन ने अपने रोगियों को कभी भी इंतजार नहीं कराया वे समय के बहुत ही पाबंद थे। डॉ अश्वनी कुमार जैन अत्यंत मृदभाषी एवं लोगों के दिलो पर राज करने वाले हृदय रोग चिकित्सक थे। हम सब आज उन्की पुण्यतिथि पर उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।