हेल्थ। एपेक्स हॉस्पिटल के ओर्थोपेडिक, जीरियाट्रिक मेडिसन, रेडियॉलॉजी, फिजियो रिहैब एवं क्लीनिकल न्यूट्रीशन विभाग द्वारा विश्व ओस्टियोपोरोसिस दिवस पर नर्सिंग, पैरामेडिकल, फिजियोथेरपी के छात्र छात्राओं एवं फ़ैकल्टी हेतु जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। एपेक्स के चेयरमैन एवं वरिष्ठ स्पाइन सर्जन डॉ. एसके सिंह की अधक्षता में आयोजित इस सेमीनार का संचालन करते हुए नर्सिंग प्रोफेसर आईवन प्रकाश ने इस वर्ष की थीम बिल्ड बेटर बोन्स के आधार पर ऑस्टियोपोरोसिस के बारे में बताते हुए स्पष्ट किया की यह एक ऐसी चिकित्सा स्थिति है जो हड्डियों को नाजुक और कमजोर बनाती है। एपेक्स के स्पोर्ट्स मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. अमित झा ने ऑस्टीआपरोसिस के उपचार के बारे में बताते हुए जानकारी दी कि हड्डी इतनी नाजुक एवं खोखली हो जाती है कि गिरने, खांसने, छींकने और झुकने जैसे हल्के तनाव मात्र से ही गंभीर फ्रैक्चर का कारण बन जाती हैं और फ्रैक्चर आमतौर पर रीढ़, कलाई और कूल्हे पर होते हैं।
वृद्ध रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित सिंह ने बढ़ती उम्र, मेनोपॉज, थायराइड, हाइपोथायरायडिज्म, आनुवांशिक कारक, कैल्शियम, विटामिन डी की कमी, शारीरिक गतिविधियाँ, शरीर का ढांचा, सेक्स हार्मोन्स (प्रजनन संबंधी समस्याएं), धूम्रपान, एल्कोहल का सेवन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी, स्टेरॉयड का उपयोग आदि इसके मुख्य कारणों, स्पोर्ट्स मेडिसन की फैकल्टी डॉ. सुरभि आर्य ने इसके मुख्य लक्षण, पीठ दर्द, गर्दन में दर्द, पीठ का झुकना और ऊंचाई का कम होना आदि एवं उचित व्यायामों, रेडियॉलॉजिस्ट डॉ. गौरी ने बोन मिनरल डेन्सिटी के सबसे यथोचित टेस्ट डेक्सा स्कैन, डाइटिशियन अंशु राय ने कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन डी3, मैग्नेशियम से परिपूर्ण पोषण आहार से अवगत कराया।