वाराणसी। परियोजना प्रबंधक, उ०प्र०राज्य सेतु निगम ने बताया कि लहरतारा-फुलवरियां मार्ग पर 4 लेन सेतु के निर्माण की स्वीकृति 25 अक्टूबर, 2017 को निर्गत किया गया था, जिसमें रेल सम्पार सं० 4 स्पेशल पर सेतु की लम्बाई 627.280 मी० थी। जिसमें 02 लेन कैन्ट एवं बौलिया की ओर तथा 02 लेन कैन्ट से लहरतारा चौराहा के पहले तक निर्धारित था।
उन्होंने बताया कि 27 दिसंबर, 2019 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वाराणसी जनपद भ्रमण के दौरान मंत्रीगण एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा दिये गये सुझाव के आलोक में उपरिगामी सेतु की लहरतारा की ओर 02 लेन भाग को 03 लेन में परिवर्तित करते हुए 01 लेन पूर्व प्रस्तावित स्थल तक एवं अवशेष 02 लेन को लहरतारा चौराहा पार कर बीएलडब्ल्यू मार्ग पर उतारने के दिये गये निर्देश के अनुपालन में सेतु की पुनरीक्षित डिजाइन आईआरसी कोड के अनुसार स्वीकृत कराकर सेतु का निर्माण कार्य कराया गया है। उन्होंने "जल्दबाजी की इंजीनियरिंग में बिगड़ी फुलवरिया की डिजाइन" संबंधी आरोप को उन्होंने खारिज करते हुए इसका कड़े शब्दों में खंडन किया है
उन्होंने यह भी बताया कि लहरतारा-बीएलडब्ल्यू का कार्य पूर्ण है एवं बौलिया साइड की ओर का कार्य भी पूर्ण है एवं आवागमन चालू है। सेतु के लहरतारा चौराहे एवं क्रासिंग के मध्य पूरब की ओर अतिरिक्त लेन हेतु भूमि अधिग्रहण तथा संरेखण में आ रहे भवनों के ध्वस्तीकरण की एक भू-स्वामी द्वारा उच्च न्यायालय, इलाहाबाद एवं जिला सत्र न्यायालय में वाद दाखिल कर स्थगनादेश प्राप्त किया गया है। एक अतिरिक्त लेन, (डाउन रैम्प) का कार्य अवशेष था, जिसे जिला प्रशासन की सहायता से प्रारम्भ करा दिया गया है एवं डाउन रैम्प का कार्य लगभग 70 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है।अवशेष 30 प्रतिशत का कार्य प्रगति पर है, जिसे शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जायेगा।