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मरीजों की अधिकता को देखते हुए चिकित्सालय में आये मरीजों को इलाज हेतु अस्थाई व्यवस्था करते हुए स्ट्रेचर पर ही इलाज प्रारम्भ कर दिया जाता है: सी०एम०ओ०



 08/Oct/23

हालात होने की शिकायत को चिकित्सालय प्रशासन में तथ्यहीन वह भ्रामक बताते हुए कड़े शब्दों में खंडन किया है।

     वाराणसी। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि श्री शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय जिला चिकित्सालय वाराणसी में प्रतिदिन लगभग नये ओपीडी पर्चा 1400 से 1700 के बीच एवं लगभग 2000 पुराने मरीज आते है जिसमें चिकित्सक/विशेषज्ञों द्वारा मरीज की स्थिति को देखते हुए प्रतिदिन 100 से 120 मरीज को भर्ती किया जा रहा है, जिससे चिकित्सालय में उपलब्ध कुल बेड के अतिरिक्त कुछ वैकल्पिक रूप में बेड रखवाते हुए मरीजों का इलाज किया जा रहा है। मरीजों की अधिकता को देखते हुए चिकित्सालय में आये सभी मरीजों को इलाज हेतु अस्थाई व्यवस्था करते हुए स्ट्रेचर पर ही इलाज प्रारम्भ कर दिया जाता है और जैसे ही बेड खाली हो रहा है उस पर सम्बन्धित मरीज को शिफ्ट करते हुए इलाज किया जा रहा है। 
        उन्होंने बताया कि किसी भी गम्भीर मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया गया है और न ही अभी तक इस संबंध में किसी मरीज या उसके परिजन द्वारा कोई शिकायत की गयी है। सीएमओ ने बताया कि लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय, रामनगर में बुखार से पीड़ित मरीजों के इलाज के सुचारू रूप से व्यवस्था की गयी है। चिकित्सालय के दो फिजिशियन नियमित रूप से
ओ०पी०डी०/आई०पी०डी० में आवश्यकतानुसार सभी मरीजों को विशेषज्ञ स्तर की चिकित्सा उपलब्ध करा रहे हैं। इस चिकित्सालय में ई०एम०ओ० के चार स्वीकृत पदों के सापेक्ष किसी की तैनाती न होने के कारण आकस्मिक सेवा की तीनों पालियों में विशेषज्ञ चिकित्सक ही ड्यूटी करते हैं। जिससे नाइट ड्यूटी के बाद दिन में उनकी उपलब्धता नहीं होती है। फिर भी विशेष आवश्यकता होने पर आन कॉल मरीज को विशेषज्ञ चिकित्सा परामर्श देने के लिये चिकित्सालय आ जाते है। त्वचा रोग विशेषज्ञ आकस्मिक ड्यूटी के दिन आकस्मिक विभाग में आने वाले मरीजों का यथावश्यक उपचार करते हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञ द्वारा ही बुखार पीड़ितों सहित सभी मरीजी का उपचार किये जाने के बाबत शिकायत का उन्होंने खंडन किया है। मलेरिया, डेंगू, टायफाइड आदि जांच चिकित्सालय के लैब में ही की जा रही है। वर्तमान में चिकित्सालय में भर्ती डेंगू एनएस-1 पॉजिटिव सभी मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति बेहतर हुईं है। इलाज के लिये आवश्यक औषधियों एवं लॉजिस्टिक सहित पर्याप्त बेड चिकित्सालय में उपलब्ध हैं। चिकित्सक एवं स्टाफ मरीजों का इलाज एवं देखभाल तत्परता एवं सजगता से कर रहे है। उन्होंने पं0 दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के संबंध में बताया कि यहाँ पर ओपीडी में कुल 250 बेड उपलब्ध हैं। चिकित्सालय में भर्ती होने के लिए मरीजों को अनावश्यक इंतजार नहीं करना पड़ता हैं। वर्तमान में चिकित्सालय में 240 मरीज भर्ती होकर इलाज प्राप्त कर रहे है। शेष 10 बेड भर्ती होने वाले मरीजों हेतु उपलब्ध है। चिकित्सालय में भर्ती मरीजों हेतु रोस्टर वाईज (24 घंटे) ड्यूटी लगायी गयी हैं, जिससे भर्ती मरीजों को समुचित उपचार प्राप्त हो सकें। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय जिले में (डेंगू, टायफाइड, मलेरिया एवं वायरल बुखार) से संक्रमित मरीजों की संख्या में बहुत बढ़ोत्तरी हुई है, जिसकी वजह से सर सुन्दर लाल चिकित्सालय में मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ गयी हैं, परन्तु चिकित्सालय में जितने भी मरीज आते हैं, उन सभी को प्राथमिकता पर इलाज एवं आवश्यक परामर्श दिया जाता है। वाराणसी एवं वाराणसी के अन्य चिकित्सालय से एवं आस-पास के जिलों के मरीजों एवं चिकित्सालयों से रेफर किये गये मरीजों के साथ ही साथ पूरे पूर्वांचल के मरीजों एवं अन्य प्रदेशों के मरीज भी यहां चिकित्सा लेने आते हैं, जो कि संख्या में बहुत ही ज्यादा है। हालात बेकाबू आदि के संबंध में कतिपय शिकायत को चिकित्सालय प्रशासन ने तथ्यहीन, भ्रामक, बेबुनियाद एवं पूरी तरह निराधार बताते हुए इसका कड़े शब्दों में खण्डन किया है। इसी प्रकार सीएमओ ने बताया कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल में बढ़े बुखार के कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए पंजीकरण काउंटर और फार्मेसी में कतार
प्रबन्धन टोकन प्रणाली स्थापित की गई है। इसके अलावा सेवाओं की सुविधा के लिए प्रत्येक नैदानिक विभाग के लिए चेक-इन नंबर अलग से उत्पन्न किये जाते हैं। अधिकांश दवाएं अस्पताल की फार्मेसी में उपलब्ध है और रोगियों को जारी की जाती है। कुछ रोगी विशिष्ट दवायें अस्पताल में थोक में संग्रहीत नहीं की जाती है। मरीजों को ऐसी दवाएं सम्बन्धित ईएसआई डिस्पेंशरी से प्राप्त करने का निर्देश दिया जाता है। ईएसआई डिस्पेंसरी में ऐसी दवाओं के अनुपलब्धता की स्थिति में दवाओं की लागत की प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। मरीज इस प्रावधान से भली-भांति परिचित हैं।
       सीएमओ ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पिण्डरा में गत दिवस मरीज लकी राजभर उम्र 08 वर्ष निवासी ग्राम सभा थाना, विकास खण्ड पिण्डरा 18 सितम्बर से बुखार से पीड़ित था, जिसकी दादी स्थानीय फूलपुर बाजार से दवा लेकर खिलाना शुरू कर दिया। 02 दिन आराम न होने पर झाड-फूंक कराने लगी, इसी बीच मरीज बेहोश हो गया और उनके पड़ोसी ने मरीज को एसएएस हास्पिटल, हरहुआ में भर्ती कराया। जांच में इंटेरिक फीवर और सीवियर एनीमिया की रिपोर्ट आयी। 2-3 यूनिट ब्लड चढ़ाने के बाद भी होमोग्लोबिन नहीं बढ़ा, जिसकी सूचना डॉक्टर द्वारा मरीज के गार्जियन को दे दी गयी तथा 29 सितम्बर को मरीज लकी राजभर की इंटेरिक इंसफलोपथ्य एंड एनीमिया के कारण मृत्यु हो गयी।


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