वाराणसी। प्रभारी सत्र न्यायाधीश (राकेश पांडेय) अदालत ने मदरसे में नौकरी के नाम पर छेड़खानी व गर्भवती महिला से मारपीट के दौरान नवजात शिशु के मृत्यु कारित करने के मामले में आरोपी क़ाजी सदुल्लापुरा, थाना जैतपुरा, रिज़वा अहमद की अग्रिम जानता अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया। अदालत ने अग्रिम जमानत अर्ज़ी का विरोध प्रभारी डीजीसी मुनीब सिंह चौहान व वादी के अधिवक्ता वरुण प्रताप सिंह ने किया।
अभियोजन के अनुसार बुनकर कालोनी निवासीय वादिनी मदरसा दायरतुल इस्लाह चिरागे उलूम में 2007 से प्राइवेट नौकरी पर 22 फ़रवरी 2009 को आधुनिक पद पर शिक्षिका के रूप में वहां पढ़ा रही हूँ। रिजवान अहमद ने मेरी सरकारी नियुक्ति के लिए मुझसे कहा था। 14 जून 2023 को रिजवान ने मास्टर बेलाल अहमद को मेरे घर 2 लाख रूपया सरकारी फाइल तैयार करने के नाम पर मांगा उसके बाद ये कहे रहे है कि तहतानिया की कीमत 15 लाख है। 15 लाख दोगी तो मैं सरकारी भर्ती करूंगा। 28 जून 2023 को उन्होंने बेलाल से कहलवाया, आज मदरसे में आकर अपना रूपया लेलो जब वह आई तो उन्होंने मुझे एक कमरे में ले गए और कहा तुम अगर 13 लाख नहीं दे पा रही हो तो तुम मेरे साथ सम्बन्ध बना लो मैं तुम्हें सरकारी कर दूंगा। मैंने कहा मेरे पेट मे बच्चा है तो ये बोले कुछ होगा नहीं बस एक बार जब उसने रिजवान को धक्का दिया तो ये मुझें खींच कर गिरा दिया और मेरे पेट मे बच्चा होने की वजह से मेरे पेट मे दर्द होने लगा मेरी हालत बहुत ही खराब हो गई है। फिर कुछ लोग द्वारा मुझे अस्पताल ले जाते हुए मेरे पेट मे पल रहे बच्चे की जन्म से पहले ही मृत्यु हो गयी।
बताते चले कि पीड़िता मुक़दमा दर्ज कराने के लिए जैतपुरा थाने पर गयी थी, लेकिन वहाँ पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो उसने मुख्यमंत्री को खून से लिखा पत्र भेजा था। उसके बाद थाने में मुक़दमा दर्ज किया गया।