वाराणसी। राष्ट्रीय कृषक दल, राष्ट्रीय उदय पार्टी, जय भारत समानता पार्टी, राष्ट्रीय अशोक सेना, उत्तर प्रदेश किसान न्याय मोर्चा, अपनी पार्टी का संयुक्त गठबंधन व्यवस्था परिवर्तन मोर्चा का सम्मेलन आज हरीबल्लमपुर में संपन्न हुआ 2 अक्टूबर गांधी शास्त्री के जयंती के अवसर पर आयोजित लोकतंत्र बचाओ सम्मेलन में बोलते हुए राष्ट्रीय कृषक दल के अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि देश में लोकतंत्र व संविधान खतरे में है इसको बचाने के लिए जनता को आगे आना होगा उन्होंने कहा कि सत्ता धारी दल किसी न किसी तरह लोकतंत्र को कुचलना की साजिश कर रहा है जिसका उदाहरण नई संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति जो आदिवासी महिला है उनको भी आमंत्रित नहीं किया गया इससे लगता है कि सत्ता धारी लोग अधिनायक वादी हो गए हैं।
जय भारत समानता पार्टी के अध्यक्ष हेमंत कुशवाह ने कहा कि जब तक 85% पिछड़ी दलित अल्पसंख्यक एक नहीं होंगे तब तक संविधान व लोकतंत्र बचाना कठिन होगा उन्होंने कहा कि आज इस देश में राष्ट्रीय सेवक संघ एजेंडा लागू करने का कुचक्र किया जा रहा है उन्होंने कहा कि नई संसद भवन में एक भाजपा सांसद द्वारा एक अल्पसंख्यक सांसद को जिस तरह से और मर्यादित भाषा बोली गई और उस सांसद के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष द्वारा कोई कार्रवाई न किया जाना निंदनीय है होने उन्होंने देश के 85% लोगों को एकजुट होकर संविधान विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने का आवाहन किया।
राष्ट्र उदय पार्टी के अध्यक्ष बाबूराम पाल ने घोषणा किया कि व्यवस्था परिवर्तन मोर्चा प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर व्यवस्था परिवर्तन मोर्चा का प्रत्याशी लड़ेगा और इस सरकार को उखाड़ फेंकेगा उन्होंने कहा कि जब तक हम लोग संगठित नहीं होंगे तब तक हमारे खिलाफ अत्याचार होता रहेगा आज जरूरत इस बात की है समस्त पिछड़ा समाज दलित समाज अल्पसंख्यक समाज और आदिवासी समाज एकजुट हो तभी व्यवस्था परिवर्तन मोर्चा का सपना साकार होगा। इस सम्मेलन में जय भारत समानता पार्टी का 14वां और राष्ट्रीय कृषक दल का दूसरा तथा राष्ट्र उदय पार्टी का 5 स्थापना दिवस भी मनाया गया इस अवसर पर किसान न्याय मोर्चा के नेता शमीम मिल्की ने कहां की अल्पसंख्यकों की आबादी 22% है इसलिए व्यवस्था परिवर्तन मोर्चा में और उसके घटक दलों में कम से कम 15% अल्पसंख्यकों को पदाधिकारी बनाया जाए तभी यह लड़ाई पूरी होगी इस अवसर पर अध्यक्ष मंडल के रूप में बाबूराम पाल, हेमंत कुशवाह, महेंद्र प्रसाद यादव, शमीम मिल्की, नरेंद्र कुमार कुशवाहा, मोनिका पाल,
प्रमुख वक्तागण में राजेंद्र गांधी, नीलम पाल, विनोद मौर्य, डॉ. ओम प्रकाश, सुरेश पाल, सुरेंद्र पाल, वीरेंद्र पाल, अशोक प्रजापति, रमापति यादव, दीपराज पाल, पन्ना लाल भैया लाल पाल व नंदू पाल संबोधित किये। संचालन वीरेंद्र पाल ने किया।