सामुदायिक स्तर पर परिवार कल्याण कार्यक्रम की पहुँच अधिक से अधिक हो
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के साथ ही परिवार कल्याण कार्यक्रम को सामुदायिक स्तर पर सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए नगरीय व ग्रामीण स्तरीय सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के चिकित्सकों, स्टाफ नर्स एवं स्वास्थ्यकर्मियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी के निर्देशन में नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) शिवपुर पर मासिक समीक्षा बैठक व संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
बैठक में शिवपुर सीएचसी के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार दुबे के नेतृत्व में क्षेत्रीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सकों, स्टाफ नर्स और स्वास्थ्यकर्मियों को मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम की बेहतर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाएँ लाभार्थियों को प्रदान करने के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के लिए आने वाली गर्भवती को संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन की स्थायी व अस्थायी सेवाओं, शिशु के जन्म पर अनिवार्य रूप से बर्थ डोज़ (बीसीजी, ओपीवी व हेपेटाइटिस बी), सम्पूर्ण टीकाकरण, छह माह तक सिर्फ स्तनपान आदि के बारे में जानकारी देनी चाहिए। साथ ही गर्भवती को प्रथम व द्वितीय त्रैमासिक प्रसव पूर्व जांच के दौरान टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका शत-प्रतिशत लगाया जाना चाहिए। ड्यूलिस्ट के अनुसार सभी बच्चों का समय से शत-प्रतिशत टीकाकरण कराया जाना चाहिए।
बैठक में बताया गया कि सभी आशा कार्यकर्ताओं को परिवार कल्याण कार्यक्रम के नियत सेवा दिवस (एफ़डीएस) कैलेंडर की जानकारी दें। परिवार नियोजन के सभी साधनों के बारे में सम्पूर्ण विधिवत जानकारी दें। उनका अर्बन हेल्थ इंडेक्स रजिस्टर (यूएचआईआर) समय से पूरा हो और एएनएम उसकी पुष्टि करें। इसके साथ ही परिवार नियोजन की बास्केट ऑफ च्वॉइस सभी आशा कार्यकर्ताओं के पास होनी चाहिए। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर परिवार नियोजन बॉक्स (कंडोम बॉक्स) स्थापित हो और पर्याप्त मात्रा में अस्थायी साधन जैसे अंतरा तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन, छाया साप्ताहिक गोली और कंडोम होने चाहिए।इसके अलावा बैठक में कायाकल्प कार्यक्रम के तहत सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मानक के अनुरूप समस्त चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हों जिससे मरीजों और उनके परिजनों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। स्वास्थ्य केन्द्रों पर मानव संसाधन, क्षेत्र वार मैपिंग और परिवार कल्याण कार्यक्रम के सभी साधनों की सूची स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें। सभी प्रकार के रजिस्टर और डाटा फीडिंग का कार्य समय पर हो। हर माह की 25 तारीख तक सभी डाटा हेल्थ मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) पोर्टल पर फीड करें।
स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान एवं पीएसआई इंडिया संस्था के सहयोग से बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान डॉ. अनुपम यादव, डॉ. संजय पटेल, डॉ. रश्मि कुमारी, एनयूएचएम से नितेश, पीएसआई इंडिया से अखिलेश कुमार एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।