खबर है कि लंबे समय तक इंडिया टुडे यूपी की मार्केटिंग यूपी टीम के सेल्स हैड रहे आलोक पाठक इन दिनों एक यूट्यूब चैनेल में कार्य कर रहे थे। वही ममता त्रिपाठी कई चैनलों व अखबारों में कार्य कर चुकी है, इन दोनों पर लखनऊ के थाना हजरत गंज में भारतीय दंड संहिता की धारा 120-B, 420, 501 व 66 के तहत मुकदमा कायम हुआ है।
बात दें कि FIR में सिल्वर टच टेक्नोलजीज लिमिटेड, नई दिल्ली के प्रबंधक दुष्यंत सिंह ने आरोप लगाया है कि कंपनी के विरुद्ध दिनांक 23/09/23 को ममता त्रिपाठी नामक महिला द्वारा दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर एक झूठी व भ्रामक वीडियो रिपोर्ट पोस्ट की गई थी, जिसे थोड़ी देर में खुद दैनिक भास्कर ने अपने पोर्टल से हटा लिया लेकिन ममता त्रिपाठी द्वारा बनाया गया ये भ्रामक और दुर्भावना से ग्रस्त वीडियो, जो की दैनिक भास्कर द्वारा स्वयं हटाया जा चुका था, उस वीडियो को आलोक पाठक नामक व्यक्ति से रिकॉर्ड कराया गया और आलोक पाठक के X (ट्विटर) अकाउंट @pathakalok68 पर पोस्ट कराया गया। फिर ममता त्रिपाठी ने भी आलोक पाठक के इस आधारहीन ट्वीट को अपने अकाउंट पर रिपोस्ट भी किया। ममता त्रिपाठी ने ये षड्यंत्र जानबूझ कर कूटरचित तरीके से रचा, जिससे संस्थान की छविव प्रतिष्ठा धूमिल हो और संस्थान को ब्लैकमेल किया जा सके, प्रतीत होता है की यह काल्पनिक और आधारहीन वीडियो षड्यंत्रकारियों द्वारा अपने निजी लाभ के लिए व हमारे संस्थान को नुक़सान पहुँचाने के लिए पोस्ट किया गया।
इसके साथ ही दुष्यंत सिंह ने अनुरोध किया है कि उनकी शिकायत को संज्ञान में लेकर, इस झूठी रिपोर्ट पर ममता त्रिपाठी, आलोक पाठक और इस षड्यंत्र में लिप्त सभी षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की कृपा करें।
कुल मिलाकर अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि पत्रकार आलोक पाठक व ममता त्रिपाठी पर लगाये गए आरोप में कितनी सच्चाई है ये तो पुलिस की तफ्तीस और न्यायालय के फैसले के बाद ही तय होगा।