मानसरोवर स्थित श्रीरामतारक आंध्र आश्रम के पूजन मंडप में मनाये जा रहे गणेश नवरात्रि महोत्सव का मंच आज नृत्य की कथक विधा के नाम रहा । इस अवसर पर नगर के बीस से भी ज्यादा नवोदित प्रतिभाओं ने कथक विधा की बारीकियों को अंगीकार करते हुए मनोहारी प्रस्तुतियां दीं| नवेली मेधाओं ने जब मंच पर नूपुर को लयकारी दी तो समूचा मंडप करतल ध्वनि से गूंज उठा। नृत्य प्रतिभाओं ने दर्शकों के सामने भाव मुद्राओं के साथ पदसंचलन की शानदार प्रस्तुति दी और दिखाया कि वह तैयारी के किस मुकाम को कितनी खूबसूरती से तय कर सकते हैं। प्रतियोगिता में रीशीता चक्रवर्ती, परी जायसवाल, इशिका जायसवाल, आयुषी कन्नौजिया, तृषा सिंह, आनंदी साहनी, तमन्ना साहनी, हुनर शाह, अंकिता पॉल, लक्षिता शर्मा, समृद्धि सिंह, प्रीतिका साहनी, राजीव प्रकाश, आरोही गुहा नियोगी, प्रकृति भट्टाचार्य, रिद्धिमा जायसवाल, बरुश्का इत्यादि अनेक प्रतिभाओं ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात नर्तन कला विशेषज्ञ, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत एवं मंच कला संकाय के पूर्व प्रोफेसर प्रेम चंद्र होम्बल ने कहा कि लोकमान्य तिलक ने ऐसे ही कार्यक्रमों के जरिए गणपति महोत्सव को एक नई दिशा दी और संपूर्ण समाज को एकता के सूत्र में बांधा। इस अवसर पर होम्बल जी की जीवन साथी प्रख्यात भरत नाट्यम नृत्यांगना माला होम्बल ने भी नवोदित नृत्यांगनाओं को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम का संयोजन किया आशीष टंडन ने। अतिथियों का स्वागत श्रीरामतरका आंध्र आश्रम के मैनेजिंग ट्रस्टी वी. वी. सुन्दर शास्त्री ने किया, धन्यवाद ज्ञापन किया प्रबन्धक वी. वी. सीताराम ने।