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जनपद में सफलतापूर्वक चला सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 का दूसरा चरण



 21/Sep/23

लक्ष्य के सापेक्ष 91% बच्चों को एवं 101% बच्चों को बौद्धिक क्षमता से प्रतिरक्षित किया गया

वाराणसी, 20 सितंबर 2023 - जिले में विशेष टीकाकरण अभियान मास्किट मिशन इंद्रधनुष (आई सेक्टर) 5.0 का दूसरा चरण 11 सितंबर से 16 सितंबर तक सहजता से संचालित किया गया। राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण से छूट, जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पूर्ण प्रतिरक्षित करने के लिए यह अभियान चलाया गया। लक्ष्य के सापेक्ष 91 प्रतिशत बच्चों और 101 प्रतिशत भावनाओं को इसमें प्रतिरक्षित किया गया। अभियान का तीसरा व अंतिम चरण नौ अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक जारी रहेगा। 

*मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सी वैज्ञानिक) डॉ. संदीप चौधरी* ने बताया कि आई बैचलर ऑफ साइंस 5.0 के दूसरे चरण में लक्ष्य लक्ष्य के अनुरूप लगभग सभी बच्चों और वैज्ञानिकों को प्रतिरक्षित किया गया है। शेष बच्चों और गर्भवती को नियमित टीकाकरण सत्र के दौरान कवर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनमानस की सुविधा के लिए सभी सरकारी दस्तावेज और मेडिकल हेल्थ कंसल्टेंट (सीबीसी) में सातों दिन और 24 प्राइमरी हेल्थ कंसल्टेंसी (पीबीसी) में सोमवार को शेष सभी दिन का टीकाकरण जारी किया जा रहा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में शनिवार व शनिवार को टीकाकरण सत्रों पर यह सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने अपील की है कि सभी स्थानीय जन्म से लेकर पांच साल तक के बच्चों और गर्भवती को समय से टीका लगाया जाए, ताकि वह गंभीर रूप से बचपन से बच सकें।  

*अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (प्रतिरक्षण) डॉ एके मौर्या* ने बताया कि दूसरे चरण के लिए जिले में छूटे हुए बच्चे 17476 बच्चे व 3333 गर्भवती का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 15896 (91) बच्चे व 3368 (101 प्रतिशत) गर्भवती को शामिल किया गया है। टिप्पणी की गई। इसी तरह नौ से 12 माह के 3148 (92 प्रतिशत) बच्चों को मीजल्स-रूबेला की पहली खुराक तथा 16 से 24 माह के 2768 (93 प्रतिशत) बच्चों को मीजल्स-रूबेला की दूसरी खुराक दी गई। इसके अतिरिक्त नियमित टीकाकरण अभियान के तहत अप्रैल 2023 से अगस्त 2023 तक 35571 (44.3 प्रतिशत) बच्चों को पूर्ण प्रतिरक्षित किया जा चुका है। इसके साथ ही 31489 (33.4 प्रतिशत) गर्भवती को टिटनेस डिप्थीरिया की टिप्पणी दी गई है। 

डॉ. मौर्य ने ज़ोर देकर कहा कि डिप्थीरिया, पर्ट्युसिस (काली खांसी) और टिटनस से अपने बच्चे को 16 से 24 महीने के लिए डीपीटी की पहली बूज़ खुराक और पांच से छह साल की उम्र में बूस्टर खुराक अनिवार्य रूप से दें। 

गर्भावस्था के दौरान टीडी की समीक्षा - गर्भावस्था के दौरान टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) के दो स्थान पाए जाते हैं। यह टीका उनके गर्भस्थ शिशु का टाइटनस और डिप्थीरिया (गलघोंटू) रोग से बचाव के लिए किया जाता है। 

बच्चों को शामिल किया गया है 11 तरह के दौरे - मिशन इंद्रधनुष अभियान में बच्चों के लिए 11 वैक्सीन प्रिवेंटल डिजीज के टीकाकरण में शामिल हैं, जिनमें डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनस, कैंसर, क्षय (टीबी), तीतर-बी, मैनिंजाइटिस, निमोनिया हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप शामिल हैं। -बी इंफेक्शन, रोटावायरस वैक्सीन, न्यूमोकोकल कंजगेट वैक्सीन (पीसीवी) और खसरा-रूबेला (मैक्सी) हैं।


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