एचपीवी वैक्सीन अब आधे से भी कम खर्चे में उपलब्ध
एपेक्स हॉस्पिटल कैंसर संस्थान की निदेशिका क्लीनिकल कैंसर विशेषज्ञ डॉ अंकिता पटेल द्वारा एपेक्स नर्सिंग, पैरामेडिकल एवं फिजियो शिक्षण संस्थानों की छात्राओं के लिए ग्रीवा के कैंसर पर आयोजित जागरूकता सत्र में सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों, प्रकार, कारणों एवं बचाव के बारे में समझाते हुए बताया कि महिलाओं में होने वाले कैंसर में स्तन कैंसर के बाद ग्रीवा का कैंसर दूसरे स्थान पर है जो अधिकांशतः खराब जनांग स्वच्छता के कारण एचपीवी वायरस के संक्रमण से 25 से 35 वर्ष की महिलाओं को होता है। इसकी रोकथाम एवं एचपीवी वायरस के कारण फैलने वाले अन्य कैंसरों के लिए 9 से 14 वर्ष की उम्र में 6 महीने के अंतराल पर 2 डोजेस या 15 से 26 वर्ष के बीच 3 डोजेस टीकाकरण अवश्य कराना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा भारत में निर्मित वैक्सीन पहले से आधे दामों में उपलब्ध है। सीरम इंस्टिट्यूट के अवधेश सिंह ने वैक्सीन की विशेषताओं से अवगत कराते हुए सभी छात्राओं को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया। जागरूकता कार्यक्रम में एपेक्स के क्लीनिकल ऑनकोलॉजिस्ट डॉ गौरव गोस्वामी सहित सभी फैकल्टी उपस्थित रहीं।