वाराणसी। उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल ने नये संसद भवन में पेश हुए महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) का स्वागत करते हुए कहां कि नारी सशक्तिकरण का इससे बड़ा उदाहरण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि केंद्र में पूर्ववर्ती सरकारों ने महिला आरक्षण का वकालत तो किया, लेकिन उनकी भूमिका हमेशा नकारात्मक रही। जिस कारण 27 सालों से यह लंबित रहा।
मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की केंद्र सरकार ने अपने वायदे के मुताबिक 27 सालों से लंबित महिला आरक्षण बिल को पेश कर अपनी इच्छा शक्ति का परिचय दिया हैं। इस विधेयक में प्रावधान है कि लोकसभा दिल्ली विधानसभा और सभी राज्यों के विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगी। इस प्रकार महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित होंगी। इस ऐतिहासिक बदलाव के बाद से सक्रिय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेंगी।