सांप्रदायिक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम जैसे- वायरस, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया आदि की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत तीन अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही 16 से 31 अक्टूबर तक घर-घर की ओर से ड्राईवर ड्राइव का संचालन शुरू किया जाएगा। इसी क्रम में मुख्य विकास अधिकारी (सीडियो) हिमांशु नागपाल की ओर से मंगलवार को राइफल क्लब में अभियान की बैठक को लेकर जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। सीडीओ ने स्वास्थ्य विभाग के साथ सभी 16 सहयोगियों को शामिल करते हुए अभियान की विस्तृत जानकारी ली।
*सीडीओ* ने समस्त विभागों को निर्देशित किया कि जनपद के नगर या ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी जल जमाव, गंदगी, आदि की स्थिति पैदा न हो। नगर में कहीं भी जल भराव, नाली जाम आदि की स्थिति होने नगर निगम इस पर तुरंत कार्रवाई करें। इसी तरह की स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में होने पर पंचायती राज व ग्राम विकास विभाग की ओर से तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए। हॉट स्पॉट क्षेत्रों, घनी आबादी व अन्य मलिन बस्तियों में एंटी लार्वा छिड़काव, फोगिंग आदि का कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के आपसी सामंजस्य से ही संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान को सफल बनाया जा सकता है। यह तभी संभव है जब इस संदर्भ में जिन विभागों को जो भी जिम्मेदारियां दी गयी हैं, उसका पूरी जिम्मेदारी के साथ पालन किया जाए। इस अभियान के अंतर्गत ही ‘दस्तक अभियान’ 16 से 31 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। दस्तक अभियान में विभिन्न विभागों के फ्रंटलाइन वर्कर्स मच्छर जनित एवं संक्रामक रोगों से बचाव की जानकारी घर-घर जाकर देंगे तथा व्यवहार परिवर्तन के लिए लोगों को प्रेरित करें। अधिक से अधिक लोगों को मच्छरों के माध्यम से फैलने वाली बीमारियों बारे में बतायें और इन रोगों से बचाव के बारे में जानकारी भी दें। अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माइक्रोप्लान के तहत कार्य करें।
*मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी* ने बताया कि इसके लिए जिले में तैयारियां शुरू कर दी हैं। ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स की बैठकें तथा अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का संवेदीकरण और प्रशिक्षण कार्यशाला समय रहते पूरी कर ली जाएंगी। 16 अक्टूबर से शुरू होने वाले दस्तक अभियान में आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा बुखार व आई० एल० आई० (इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस) के रोगियों , क्षय रोग, कुष्ठ रोग, फाइलेरिया एवं कालाजार के लक्षणयुक्त व्यक्तियों एवं कुपोषित बच्चों की सूची तैयार की जाएगी। इसके साथ ही क्षेत्रवार ऐसे मकानों की सूची जहाँ घरों के भीतर मच्छरों का प्रजनन पाया गया हो, निर्धारित प्रपत्र पर फ्रंटलाइन वर्कर्स के द्वारा तैयार कर उपलब्ध कराई जाएगी। समस्त रिपोर्ट को ई-कवच पोर्टल पर फीड किया जाएगा। इसकी नियमित समीक्षा और मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
*एससीआई वैज्ञानिक एवं सांख्यिकी अधिकारी डॉ. एसएस कनौजिया एवं मलेरिया अधिकारी एससी पांडे* ने बताया कि माइक्रोप्लान के अनुसार घर-घर यात्रा के दौरान आशा-आंगन शिशु कार्यकर्ता के संक्रमण से बचने के लिए व बुखार होने पर प्रत्येक को "क्या करें, क्या न करें" प्रमुख स्थान प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग, बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से लोगों को आवंटित किया जाता है।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, अपर एवं उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, विभिन्न विभागों के मुख्य अधिकारी एवं सहायक, समस्त ब्लॉक के सहायक एवं सहायक वैज्ञानिक, सीडी सीडीए, मलेरियल अधिकारी, अन्य अधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी सहित सहयोगी के प्रतिनिधि जिला उपस्थित रहे।