प्राय: पुरूषों में एक सामान्य बीमारी प्रोस्टेट ग्रंथि के वजह से हो जाती है। यह प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों में मूत्राशय के ठीक नीचे होती है। यह मूत्रमार्ग से मूत्र निकालने वाली नली के ऊपरी हिस्से को घेरे रहती है। प्रोस्टेट का मुख्य काम पुरुषों में बनने वाले वीर्य को पोषण देना होता है। प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार नींबू जैसा होता है और यह आकार 40-50 साल की उम्र के बाद बढ़ने लगता है। कुछ लोगों में कम उम्र में ही प्रोस्टेट का आकार बढ़ जाता है और उन्हें पेशाब करने में दिक्कत होने लगती है. प्रोस्टेट की दिक्कत कम उम्र के लोगों को रेयर ही होती है। जब प्रोस्टेट ग्लैंड आगे की तरफ बढ़ती है, तब कोई दिक्कत नहीं होती. जब इसका आकार पीछे की तरफ बढ़ता है, तब यूरिनेशन में जलन और दर्द होने लगता है।
डॉ. चैतन्य साह न्यूरोलॉजी स्पेशलिस्ट ने एक अनौपचारिक बातचीत में बताया कि प्रोस्टेट ग्रंथि का मुख्य काम पुरुषों के सीमन को पोषण देना होता है। आमतौर पर 40-50 साल की उम्र के बाद प्रोस्टेट ग्रंथि का साइज बढ़ने लगता है। कुछ रेयर मामलों में युवा भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। प्रोस्टेट के 90 प्रतिशित मामले इंफेक्शन या BPH के होते हैं, जबकि 5-10 प्रतिशत मामलों में कैंसर होने का खतरा रहता है। प्रोस्टेट की समस्या होने पर इसका इलाज करने की जरूरत होती है, इस परेशानी के लक्षणों को पहचानकर शुरुआत में इलाज कराना चाहिए। और इसे कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
समस्याओं के बारे में बताते हुए कहा कि बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया प्रोस्टेट की सबसे कॉमन समस्या है। इसमें लोगों की प्रोस्टेट ग्रंथि उम्र के साथ अपने आप बढ़ती है. यह एक नेचुरल प्रक्रिया है। अधिकतर लोगों को यही समस्या होती है। प्रोस्टाइटिस प्रोस्टेट में होने वाला इंफेक्शन होता है, जो आमतौर पर यंग लोगों में होता है। यह समस्या कई कारणों से होती है, जिसमें लोगों को यूरिनेशन में जलन और पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है. इसका सही इलाज कराना जरूरी होता है। प्रोस्टेटिक एब्सेस ऐसी कंडीशन होती है, जिसमें पुरुषों के प्रोस्टेट में पस पड़ जाता है. डायबिटीज के मरीजों को इसका खतरा ज्यादा होता है. इलाज के जरिए इस समस्या को दूर किया जाता है। प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) सबसे घातक समस्या है. जब प्रोस्टेट बढ़ने के साथ उसमें कैंसर सेल्स का विकास होने लगता है, तब इसे प्रोस्टेट कैंसर कहा जाता है. यह प्रोस्टेट के 5-10 प्रतिशत मामलों में ही होने का खतरा होता है।
प्रोस्टेट प्रॉब्लम के सामान्य लक्षण के बारे में बताते हुए डॉ. साह ने कहा कि पेशाब करने में जलन होना, बार-बार पेशाब आना, पेशाब रुक-रुककर आना, पेशाब की धार पतली होना इत्यादि हो सकती है।