हर वर्ष की तरह तीन सितंबर को होने वाले परम्परागत पं.कमलापति त्रिपाठी जयन्ती समारोह में पत्रकारिता या साहित्य के क्षेत्र में एक लाख रुपए की पुरस्कार धनराशि के साथ दिया जाने वाला पं. कमलापति त्रिपाठी राष्ट्रीय सम्मान इस वर्ष सुप्रसिद्ध साहित्यकार, संघ लोकसेवा आयोग के पूर्व सदस्य एवं जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल को दिया जायेगा। पं.कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन की ओर से हर साल काशी से दिये जाने वाले उक्त प्रशस्त राष्ट्रीय सम्मान का निर्णय फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेशपति त्रिपाठी की अध्यक्षता में फाउंडेशन की चयन समिति ने किया। तीन सितम्बर को औरंगाबाद में आयोजित हो रहे इस वर्ष के पं. कमलापति त्रिपाठी की 118वीं जयन्ती समारोह में उक्त सम्मान ग्रहण करने के लिये काशी आ रहे प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल समारोह में "पं.नेहरू की धर्म नीति" विषय पर एक विशेष व्याख्यान भी देंगे। यहां उल्लेखनीय है कि सुप्रसिद्ध लेखक पं.जवाहर लाल नेहरू के कई भाषा एवं अनेक संस्करणों में छपे ग्रंथ "भारत की खोज" के "भारत माता की जय" शीर्षक अध्याय में स्थापित भारत माता और भारतीय राष्ट्रवाद की समावेशी अवधारणा की बुनियाद पर प्रो. अग्रवाल का विगत वर्ष प्रकाशित ग्रंथ "कौन हैं भारत माता" भरपूर चर्चित हुआ है।
पं. कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन द्वारा स्थापित किया गया एक लाख का उक्त राष्ट्रीय पुरस्कार पत्रकारिता एवं साहित्य क्षेत्र में उल्लेखनीय सर्जनात्मक योगदान के लिये दिया जाता रहा है। अब तक वह श्रीमती मृणाल पान्डेय, स्व. विनोद दुआ, पुण्य प्रसून बाजपेयी, प्रो. काशीनाथ सिंह आदि को राष्ट्रीय स्तर पर एकल रूप से तथा क्षेत्रीय स्तर पर ब्रजेश मिश्र, विजय विनीत, पवन जायसवाल, प्रदीप कुमार, ए.के.लारी, कृष्णदेव नारायन राय, राजीव ओझा, सरोज सिन्हा, श्रावणी भट्टाचार्य आदि को सामूहिक रूप में दिया जा चुका है।
आज औरंगाबाद में एक पत्रकार वार्ता के बीच समारोह आयोजन जानकारी देते हुए पं.कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेशपति त्रिपाठी ने बताया कि समारोह में मुख्य अतिथि प्रो. अग्रवाल का "पं. नेहरू की धर्म नीति" विषय पर विशेष व्याख्यान भी होगा। उनके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का विशिष्ट अतिथि के रूप में विशेष सान्निध्य रहेगा। अध्यक्षता सिंचाई आयोग के पूर्व अध्यक्ष विजय शंकर पाण्डेय करेंगे।
श्री त्रिपाठी ने बताया कि हर वर्ष इस परम्परागत आयोजन के मौके पर पं.कमलापति त्रिपाठी की अब अप्राप्य पुस्तकीय रचनाओं को पुनः प्रकाशित करने के क्रम में इस वर्ष "बंदी की चेतना" का प्रकाशन फाउंडेशन द्वारा हो रहा है। उसके नवप्रकाशित संस्करण का समारोह में लोकार्पण भी किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि यह पुस्तक 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में अपने जेल जीवन में पं.कमलापति द्वारा अपने 15 वर्षीय बड़े पुत्र लोकपति त्रिपाठी को जेल से लिखे गये शिक्षाप्रद पत्रों का संकलन है, जिसका प्रकाशन 1946 में हुआ था। ज्ञातव्य है कि ढाई वर्ष से लंबी अपनी उस पांचवीं एवं अंतिम जेल यात्रा में नैनी सेंट्रल जेल में सम्पादक कमलापति त्रिपाठी ने "बापू और मानवता" एवं "बापू और भारत" जैसे ग्रंथों का भी लेखन किया था, जिसमें बापू और मानवता पर उन्हें उस दौर में हिन्दी ग्रंथ लेखन का 10 हजार का शीर्ष सम्मान "मंगला प्रसाद पारितोषिक" मिला था। राजेश पति त्रिपाठी ने परम्परागत रूप से इस समारोह में भाग लेते रहे काशीवासियों से इस वर्ष भी समारोह में भाग लेने की अपील की है।