सीएमओ ने कहा नेत्रदान का संकल्प लें, किसी के अंधकार जीवन में उजाला लाएं
राष्ट्रीय अन्धता एवं दृष्टिक्षीणता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में नेत्रदान पखवाड़ा की शुरुआत आज से की जाएगी, यह पखवाड़ा 8 सितंबर तक चलेगा। इसके माध्यम से लोगों को नेत्रदान के संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे किसी व्यक्ति की अंधता को खत्म कर उसे उजाले भरा जीवन मिल सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि नेत्रदान का संकल्प लेना और उसे पूर्ण करना, एक बहुत ही अनमोल कार्य है। नेत्रदान करने से किसी व्यक्ति के अंधकारमय जीवन में उजाला आना, उसके लिए एक नया जीवन मिलने जैसा है। उन्होंने जनपदवासियों से अपील कि है कि जो भी व्यक्ति इस अनमोल कार्य के लिए इच्छुक हैं और आगे आना चाहते हैं, उसके लिए संपर्क किया जा सकता है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ संजय राय ने बताया कि पखवाड़े के अंतर्गत बीएचयू नेत्र बैंक समेत विभिन्न निजी चिकित्सालयों और संस्थाओं के संचालकों का सहयोग लिया जाएगा। नेत्रदान करने वाले इच्छुक व्यक्ति से आवेदन और संकल्प पत्र भरे जाएंगे। यही कोई भी व्यक्ति इस नेक कार्य के लिए आगे आना चाहते हैं तो वह अस्पतालों में जाकर संपर्क कर सकता है। इसके साथ ही विभिन्न स्कूलों और संस्थानों में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि नेत्रदान के लिए इच्छुक व्यक्ति बीएचयू समेत विभिन्न अधिकृत नेत्र बैंक में संपर्क कर सकता है। प्रदेश स्तर पर वाराणसी में नेत्रदान की सबसे अधिक सुविधाएं दी जाती हैं। जन्म से लेकर 100 साल तक इच्छुक व्यक्ति नेत्रदान कर सकते हैं। किसी व्यक्ति के मृत्यु के छह घंटे के अंदर उसकी आँख (कार्निया) निकाल लिया जाता है और 72 घंटे के अंदर-अंदर दृष्टिहीन व्यक्ति में लगा देना चाहिए। पखवाड़े के दौरान कुछ इस तरह के संदेश दिये जाएंगे जैसे- नेत्रहीनों को देखने में मदद करें, मृत्यु के बाद आँखें दान करें। आपकी आँखें दो दृष्टिहीन व्यक्तियों को दृष्टि दे सकती हैं। मृत्यु के 6 से 8 घंटों के भीतर आँखें सुरक्षित करा लेनी चाहिए। दाताओं व प्राप्तकर्ताओं के लिए कोई लागत शामिल नहीं है।