संत अतुलानंद विद्यालय के छात्रों और विभिन्न देशों से आये छात्रों के बीच पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। जिसका शुभारम्भ विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने किया। चर्चा का विषय था 'वैश्विक चुनौतियों से निपटने में युवाओं की भूमिका'। जिसके उप विषय थे इनोवेटिव 4.0, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जलवायु परिवर्तन, योग और खेल के माध्यम से स्वास्थ्य और खुशहाली, युवा और राजनीति तथा शांति निर्माण और मेल-मिलाप। इंवेट के शुभारंभ कर विधायक सौरभ ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत में युवाओं का एक समृद्धशाली इतिहास रहा है। इतिहास गवाह है कि आज तक दुनिया में जितने भी क्रांतिकारी परिवर्तन हुए, उसका नेतृत्व युवाओं ने ही किया है। चाहे वह परिवर्तन धार्मिक, सांस्कृतिक क्षेत्र में हो या आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र के हों, सभी का नेतृत्व युवाओं ने ही किया। आचार्य चाणक्य ने मगध की जनता को नन्द वंश के कुशासन से मुक्ति दिलाने के लिए एक युवा चंद्रगुप्त को ही अपना प्रमुख साधन बनाया।पुनर्जागरण काल मे स्वामी दयानंद सरस्वती, राजाराम मोहन राय के साथ स्वामी विवेकानंद जैसे युवा विचारक ने धर्म एवं समाज सुधार के आंदोलन का नेतृत्व किया। स्वामी विवेकानंद ने सन 1893 में शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में अपने ओजस्वी भाषण एवं विद्वता के बल पर भारतीय धर्म दर्शन का परचम लहराया और पश्चिम के साम्राज्यवादी देश भी भारत के ज्ञान परम्परा का लोहा माना।
यदि वर्तमान भारत की बात की जाय तो यह दुनिया का सबसे युवा देश है। यहाँ की कुल जनसंख्या का 65% युवा है और इसी युवा शक्ति के बल पर भारत को इक्कीसवीं सदी का महाशक्ति बनने की भविष्यवाणी की जा रही है। पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम ने कहा था कि हमारे पास युवा संसाधन के रूप में अपार संपदा है। यदि हम अपने युवाओं को सक्षम और सशक्त बना दें तो हम शीघ्र ही महाशक्ति बनने के लक्ष्य को पूरा कर लेंगे।
आज इस युवा शक्ति के बल पर ही देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शीघ्र ही भारत विश्व की तीसरी महाशक्ति बनने जा रहा है। 2014 के बाद प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश की शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास में निवेश करके मानव संसाधन को मानव पूंजी में बदलने पर बल दिया है, और उनका मानना है कि मानव संसाधन का उचित प्रबंधन कर भारत विश्व की तीसरी महाशक्ति अवश्य बनेगा। आज के इस कार्यक्रम के केंद्र बिन्दु युवा हैं। आज की राजनीति में युवाओं की भूमिका बढी है। आज का युवा, समाज को हर क्षेत्र में आगे ले जाने की इच्छाशक्ति रखता है। जब तक आज का पढा लिखा युवा सक्रिय राजनीति में आगे नही आएगा तब तक राजनीति की विसंगतियों को दूर नही किया जा सकता। आज देश की राजनीति को ऊर्जावान, उत्साही, मेहनती और नैतिक रूप से मजबूत युवाओं की आवश्यकता है। मेरा स्वयं का अनुभव है कि अगर युवाओं को राजनीति में सक्रिय भाग लेने और जनहित में निर्णय लेने का मौका बढ चढ़ कर दिया जाय तो देश के समावेशी विकास को और भी तेजी से गति मिलेगी।
हाल ही में ग्लोबल मार्केट रिसर्च की सबसे बड़ी संस्था एप्सोस ने भारत सहित 15 देशों में किये गए अपने एक अध्ययन में पाया कि युवा वर्ग पुरानी पीढ़ी की तुलना में भविष्य के बारे मे अधिक आशावादी है। और इन करोड़ो युवाओं का आशावाद किसी भी समाज और देश की सबसे बड़ी ताकत है जिससे क्रांतिकारी बदलाव सम्भव है। 2014 से देश के सभी आमचुनाव में युवाओं की सहभागिता बढ़ी है। अतः आवश्यकता है कि आज का युवा राजनीति में सक्रियता से भाग ले और राजनैतिक निर्णयों में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करे।
साथ ही वह मतदान में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले क्योंकि लोकतंत्र की ताकत मतदान ही है। युवाओं की उनकी मत शक्ति और उनका उचित निर्णय लोकतंत्र में एक नया इतिहास रच सकता है। अतः युवा अपनी पूरी सकारात्मक ऊर्जा का प्रयोग करना शुरू कर दें तो वह आसानी से देश के लोकतंत्र की दिशा बदल सकता है और राजनीति में एक युग करने में सक्षम है।
राजनीति में युवाओं की सक्रियता अवश्य ही लोकतंत्र में एक नया नेतृत्व, एक नई स्थिरता और एक युगान्तकारी परिवर्तन लाएगा। मैं आज के इस इवेंट से जुड़ी पूरी टीम के प्रति अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।
विधायक के उद्बोधन के बाद रूस, जापान, अमेरिका और यूरोप से आए छात्रों और संतुलन के छात्रों के बीच पैनल चर्चा प्रारंभ हुई। पैनल चर्चा में मॉडरेटर की भूमिका में भारत के कमल मदिशेट्टी रहे। चर्चा में भाग लिए जापान की मियू हारागुची, रूस के ग्लीब इवानोव, अमेरिका की हिमाजा नागिरेड्डी, यूरोपीय संघ की लुईसा केर्न और इटली के एंटोनियो विसानी। कार्यक्रम में गरिमामयी उपस्थिति विद्यालय की निदेशिका डॉ वंदना सिंह, सहायक निदेशक आयुष्मान सिंह व प्रधानाचार्या डॉ नीलम सिंह की रही। कार्यक्रम का संयोजन सुश्री शेफाली कश्यप ने किया।