आईएडी निदेशक डॉ. एसआर नरहरी ने किया भ्रमण
वाराणसी। चौकाघाट स्थित राजकीय आयुर्वेद कॉलेज में संचालित इंस्ट्यूट ऑफ अपलाइड डर्मेटलॉजी (आईएडी) सेंटर के निदेशक डॉ. एसआर नरहरी ने आईएडी सेंटर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने फाइलेरिया (हाथीपांव) से ग्रसित रोगियों को मिलने वाले आयुर्वेदिक व ऐलोपैथ उपचार थेरेपी एवं अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। वहीं मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुँचकर सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी, जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद्र पांडेय और फाइलेरिया नियंत्रण इकाई के प्रभारी एवं बायोलॉजिस्ट डॉ. अमित कुमार सिंह के साथ बैठक की। उन्होंने विभाग से आग्रह किया कि चौकाघाट स्थित आईएडी सेंटर के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे फाइलेरिया ग्रसित गंभीर रोगी सेंटर में अपना मुफ्त इलाज करा सकें।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस सेंटर में बनारस ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से भी हाथीपांव के रोगियों को भेजें। सेंटर में मसाज, योग, आयुर्वेद थेरेपी, एलोपैथ आदि से ही उपचार होता है। यह सेंटर आयुष मंत्रालय के सहयोग और बिल एंड मिलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन के वित्तीय सहयोग के संचालित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में यह सेंटर लखनऊ और बनारस में संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एकीकृत उपचार के माध्यम से बिना किसी सर्जरी के हाथीपांव का उपचार किया जाता है।
आगे उन्होंने बताया कि विभिन्न आयुर्वेदिक थेरेपी, एलोपैथ, योग की एकीकृत पद्धति व आहार परामर्श से भर्ती रोगियों का 14 दिन तक उपचार किया जा रहा है। भर्ती फाइलेरिया (हाथी पाँव) रोगियों की प्रतिदिन समय के अनुसार सम्पूर्ण उपचार प्रक्रिया होती है। इसके साथ ही भर्ती रोगियों के ठहरने और खाने की व्यवस्था प्रदान की जा रही है। 14 दिन का उपचार पूरा होने के बाद रोगी का तीन माह तक फॉलो-अप किया जाता है। सरकार का प्रयास है कि रोगी को जल्द से जल्द हाथीपाँव से छुटकारा दिया जाए।
फाइलेरिया (हाथी पाँव) संबंधी स्क्रीनिंग, उपचार आदि के लिए चौकाघाट स्थित फाइलेरिया एकीकृत उपचार केंद्र वाराणसी के हेल्पलाइन नंबर 9567283334 पर संपर्क किया जा सकता है।