डैलिम्स सनबीम ग्रुप ऑफ स्कूल्स रोहनियाँ, वाराणासी ने विद्यालय सभागार में दिनांक 5 अगस्त 2023, दिन रविवार प्रातः 10:00 बजे सायं महोत्सव का आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर प्रदीप बाबा मधोक निदेशिका श्रीमती पूजा संधीक, अतिरिक्त निदेशक श्री माहिर मधोक अतिरिक्त निदेशिका श्रीमती फिजा मचोक, अलिशा मधोक वालिया, प्रधानाचार्या श्रीमती गुरमीत कौर द्वारा संस्था के संस्थापक अमृतलाल इशरत पर्व मैडम दीश इशरत के तैल चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। संस्था के अध्यक्ष डॉक्टर प्रदीप बाबा मधोक ने अपने वक्तव्य में सभी को सावन माह की शुभकामना देते हुए कहा कि सावन का महीना जहाँ एक और प्रकृति के नए जन्म और सहानियत से भरा हुआ होता है दूसरी ओर इसान के खुद के साथ जुड़ने का भी होता है श्रद्धा का महासावन भक्ति एवं उल्लास का माह हिंदू कैलेंडर के चार सबसे पवित्र महीनों में चातुर्मास का पहला और सबसे शुभ पवित्र श्रेष्ठ एवं विशिष्ट महीना है श्रावण श्रद्धालु व्रत, शिवाभिषेक, शाकाहारी भोजन के माध्यम से उत्तम स्वास्थ्य, आध्यात्मिक विकास, सद्भाव, और सबसे शुभ, पवित्र, श्रेष्ठ एवं विशिष्ट महीना है श्रद्धालुव्रत, शिवाभिषेक, शाकाहारी भोजन के माध्यम से उत्तम स्वास्थ्य, आध्यात्मिक विकास, सद्भाव, आनंद व भगवान शिव की आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस पूरे माह साधना करते हैं। अध्यक्ष महोदय ने शिव पर दूध जलाभिषेक किये जाने एवं समुद्र में मंथन के पीछे छिपी कथा से रूबरू करा कर लोगों का ज्ञान वर्धन किया। तत्पश्चात नर्सरी से कक्षा दो तक के छात्र छात्राओं ने बड़े ही उत्साह एवं जोश के साथ विभिन्न नृत्य, सावन गीत कजली की प्रस्तुति रुद्राभिषेक एवं भाई बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन त्योहार को दर्शाकर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। नन्हे-मुन्ने बच्चों के मनमोहक कार्यक्रम को देखकर सभागार तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा। इसी क्रम में विद्यालय की निदेशिका श्रीमती पूजा मधोक ने बच्चों के द्वारा कार्यक्रम की प्रस्तुति तथा उनके प्रभारी शिक्षक/ शिक्षिका की सराहना करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया और कहा कि श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित माह है। भगवान शिव संहारक के साथ सृजनकर्ता माने जाते हैं शिव कल्याणकारी, सर्वसिद्धि दायक और कल्याण प्रदान करने वाले हैं। वह हमेशा योग मुद्रा में विराजमान रहते हैं और हमें जीवन में योगस्थ जागृत रहने की शिक्षा देते हैं। शिव ने समुद्र मंथन से निकले हलाहल को कंठ में धारण कर पूरी पृथ्वी को विषाक्त एवं प्रदूषित होने से बचाया है।
इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक श्री माहिर मधोक और अतिरिक्त निदेशिका श्रीमती अलिशा मधोक वालिया, श्रीमती फिजा मधोक प्रशासनिक अधिकारी सुश्री रितु वाधवा को ऑर्डिनेटर, शिक्षकगण उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्रीमती गुरमीत कौर ने कहा कि सनातन धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व है। इसमें आने वाले चार महीने जिसमें सावन भादों, आश्विन और कार्तिक का महीना आता है। चातुर्मास के चलते एक ही स्थान पर रहकर जय और तप किया जाता है। वर्षा ऋतु और बदलते मौसम से शरीर में रोगों का मुकाबला करने अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। अतः बच्चों को यह जानकारी दी कि इस बरसात के मौसम में अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना देता कि आपका स्वास्थ्य बेहतर बना रहे और आपकी पढ़ायी तथा अन्य कार्यों में बाधाएँ न आये। सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए समारोह के आयोजन से जुड़े सभी जनों का सहृदय धन्यवाद कर कार्यक्रम का समापन किया।