वाराणसी। जिलाधिकारी एस. राजलिगम ने मत्स्य विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना व मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जिला स्तरीय चयन समिति की बैठक में समीक्षा के दौरान पात्र एवं अपात्र पाए गए लाभार्थियों का पुनः सत्यापन कराकर योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों को प्राथमिकता पर उपलब्ध कराए जाने का निर्देश दिया। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है, कोई भी पात्र लाभार्थी लाभान्वित होने से वंचित न रहने पाए।
जिलाधिकारी एस. राजलिगम ने राइफ़ल क्लब सभागार में मत्स्य विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना व मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना की जिला स्तरीय चयन समिति के बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के बारे में विभिन्न बिन्दुओं पर जानकारी लेते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत तालाब निर्माण, वृहद आरएएस, लघु फीड मिल एवं जिन्दा मछली विक्रय केन्द्र, मोटरसाइकिल विद आइस बाक्स, साइकिल विद आइस बाक्स के प्रस्तावों को समिति के समक्ष रखा गया। मत्स्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि योजना में ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से कुल 400 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिनका सत्यापन गठित टीम एवं अधिकारियों के माध्यम से किया गया। जिसमे विभिन्न परियोजनाओं में कुल 373 पात्र एवं 27 अपात्र आवेदनों का अनुमोदन किया गया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल सहित विभाग के अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।