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माँ के दूध से शिशु का होता है शारीरिक और भावनात्‍मक वृद्धि : सीएमओ



 02/Aug/23

जनपद में शुरू हुआ विश्व स्तनपान सप्ताह, सात अगस्त तक चलेगा

वाराणसीविश्व स्तनपान दिवस पर पूरे जनपद में एक सप्ताह स्‍तनपान अभियान शुरू हो गया है, यह अभियान सात अगस्त तक चलाया जाएगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने दी। विस्‍तार में बताते हुए उन्‍होंने कहा कि स्तनपान शिशुओं के विकास के लिए बेहद आवश्यक होता है। शिशु के उचित मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए स्तनपान महत्वपूर्ण है, इतना ही नहीं स्तनपान माँ को भी प्रसव उपरांत होने वाली कई तरह की परेशानियों से बचाता है। उन्होंने बताया कि जन्म के पहले घंटे के अंदर मां का पहला गाढ़ा पीला दूध (कोलोस्ट्रम) पिलाने और छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराने से शिशु का सर्वांगीण विकास होता है और शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर रहती है। मां के पास जितना नवजात रहेगा, उसमें उतनी भावनात्मक वृद्धि होती है और सुरक्षा का भी आभास रहता है। मां का दूध पीने से शिशु कुपोषण का शिकार नहीं होते हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 (2019 -21) के अनुसार जिले में छह माह से कम उम्र के 47.5 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जिनको सिर्फ मां का दूध पीने को मिलता है वहीं यह दर एनएफएचएस 4 (2015 -16) में 23.7 प्रतिशत थी। जागरूकता की वजह से जिले में स्तनपान को बढ़ावा मिला है l

नोडल अधिकारी एवं उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एचसी मौर्य ने आशा कार्यकर्ताओं से कहा है कि जब शिशु मां के गर्भ में आता है उसी समय से गर्भवती को उसके स्वास्थ्य के लिए पोषाहार क्यों आवश्यक है यह जानकारी दें, साथ ही उन्हें स्तनपान के लिए भी जागरूक करें  और बताएं कि जन्म के तुरंत बाद शिशु को मां का दूध पिलाना क्यों आवश्यक है। उन्होंने बताया कि स्तनपान से जहां बच्चे को अमृत मिलता है वहीं उसकी मां को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इस सप्ताह को मनाने का उद्देश्य प्रसूता एवं धात्री महिलाओं के बीच स्तनपान के लिए जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि जिला और ब्लॉक स्तर पर गोष्ठी के माध्यम से स्तनपान के लिए जागरूक किया जायेगा l साथ ही प्रसव स्थान पर मां को शिशु को स्तनपान के लिए प्रेरित किया जायेगा l साथ ही आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान धात्री और गर्भवती महिलाओं को स्तनपान के लिए प्रेरित करेंगी।

डॉ. मौर्य ने बताया कि  मां का दूध शिशु के लिए एक संपूर्ण आहार है, जिसमें बच्चे के विकास के लिए सभी पोषक तत्व उचित मात्रा में पाए जाते हैं I मां का दूध बच्चे के लिए किसी अमृत से कम नहीं हैI इसलिए यह बच्चे के लिए वैक्सीन के रूप में काम करता है, जो उन्हें बचपन में होने वाली कई सामान्य बीमारियों से बचाता हैI प्रथम छः माह तक सिर्फ स्तनपान ही करना उचित रहता है। छः माह के बाद उचित अनुपूरक आहार शुरू करना चाहिए तथा स्तनपान दो साल या उससे अधिक समय तक जारी रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्तनपान से माँ एवं शिशु को कई लाभ होते हैंI

मां का दूध खासकर शुरुआती गहरा पीला गाढ़ा दूध शिशु को अनेक बीमारियों से बचाता है और उसे रोग-प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। छह माह तक शिशुओं को सिर्फ स्तनपान कराने से एलर्जी, एग्जिमा और दमा आदि की समस्या का सामना कम करना पड़ता है माँ के दूध से शिशु को मानसिक विकास के लिए भी अनेक पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है। स्तनपान से बच्चों का आईक्यू स्तर भी ठीक बना रहता है। पूर्ण रूप से स्तनपान प्राप्त कर रहे बच्चों को डायरिया एवं निमोनिया के संक्रमण का खतरा कम होता है। स्तनपान करने वाले बच्चों में भविष्य में हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग व मधुमेह आदि रोगों का खतरा भी कम होता है। स्तनपान कराना मां के लिए भी है लाभदायक होता है। माताओं और शिशुओं को स्वस्थ रखने के लिए स्तनपान के फायदों से भावी माताओं को अवश्य अवगत होना चाहिए। स्तनपान कराने से प्रसव के बाद गर्भाशय की समस्याओं में कमी आती है इसके साथ गर्भाशय सिकुड़ने और सामान्य आकार में लौटने में मदद मिलती है।


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