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योगी सरकार के "द मिलियन फार्मर स्कूल" कांसेप्‍ट की संयुक्त राष्ट्र तथा विश्व बैंक ने की सराहना : सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री



 28/Jul/23

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग मंत्री सूर्य प्रताप शाही शुक्रवार को कमिश्नरी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मिलियन फार्मर्स स्कूल (किसान पाठशाला) के मास्टर ट्रेनर्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम का ऑनलाइन उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर चिंता व्यक्त की। कृषि व खेती पर पर्यावरण के पड़ने वाले प्रभावों पर बात करते हुए वनीकरण को और बढावा देने को कहा। उन्होंने सरकार के लक्ष्य 35 करोड़ वृहद वनीकरण अभियान में और बढ़चढ़कर हिस्सा लेने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि 1 लाख 20 हजार सालों में जुलाई अब तक सबसे गर्म रही है। उन्होंने किसान सम्मान निधि योजना में किसानों की संख्या बढ़ाने में लगातार प्रयास करने को कृषि विभाग व राजस्व विभाग के कर्मचारियों को बधाई दिया तथा कहा कि सभी पात्र किसानों को सैचुरेट करना योगी सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य 96.5 लाख हेक्टेयर पर खरीफ आच्छादित करने का है, जिसके सापेक्ष अब तक लगभग 73 लाख हेक्टेयर पर फसल आच्छादित हुई है। शेष बचे भूमि को आच्छादित करने हेतु नहरों को फुल स्ट्रेंथ पर चलाने हेतु विभागीय अभियंताओं को निर्देशित किया गया है। सभी सरकारी नलकूपों तथा प्राइवेट नलकूपों को भी क्रियाशील करने पर उन्होंने विशेष जोर दिया। ताकि पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने "द मिलियन फार्मर स्कूल" की जरूरतों पर बल देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के इस कांसेप्ट की संयुक्त राष्ट्र तथा विश्व बैंक द्वारा सराहना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसानों को जमीनी स्तर पर लाभ पहुंचाने में इस प्रकार की कार्यशाला बहुत महत्वपूर्ण साबित होती है। दो करोड़ से ज्यादे किसान कृषि विभाग से जुड़े हुए हैं जिनको इस पाठशाला से लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि मौसम में हुए परिवर्तन को देखते हुए हमें ज्वार, बाजरा, उड़द, मूंग के वैकल्पिक प्रयोग को भी बढ़ावा देना होगा, क्योंकि सरकार द्वारा दी जा रही एमएसपी धान के एमएसपी से ज्यादे है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से 2023 को पूरा विश्व मिलेट वर्ष के रूप मना रहा है, जिसकी महत्ता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 4 वर्षों के लिये श्रीअन्न योजना को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम चला रही, जिसके तहत किसानों को अब तक 4.5 लाख मिनी किट दिया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में लॉन्च किए गए यूरिया गोल्ड की भी बात की। उन्होंने प्रणाम योजना के तहत पराली प्रबंधन की बात करते हुए कहा कि किस प्रकार हम इसको उर्वरक के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।

कृषि मंत्री द्वारा मल्टी क्रॉपिंग पर जोर देते हुए कहा कि किस प्रकार हम कम क्षेत्रफल में ज्यादे ऊपज पैदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि फलों व सब्जियों के उत्पादन में उत्तर प्रदेश आज भी प्रथम स्थान रखता है। हमें इनकी मार्केटिंग के तरफ ध्यान देना होगा, ताकि हम किसानों को इनका उचित मूल्य दिलवा सकें। उन्होंने पशुपालन विभाग के तहत कृत्रिम गर्भाधान तथा सेक्स सारटेड सीमेन को भी बढ़ावा देने को कहा।

तत्पश्चात कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान ‘‘द मिलियन फार्मर्स स्कूल" (किसान पाठशाला) की मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम के संदर्भ में चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज विश्व प्राकृतिक संरक्षण दिवस के अवसर पर प्रकृति के संरक्षण के लिये जल संरक्षण, भूमि संरक्षण, वायु संरक्षण के लिये ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव हमें प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दे रहा है कि वर्षा असंजमित हो रही है। किसी क्षेत्र में भारी वर्षा तो कहीं सूखा जैसी स्थितियां उत्पन्न हो रहीं है। इसलिये हम सबकी यह जिम्मेदारी है कि हम मिलकर पर्यावरण को संरक्षित करें। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 35 करोड़ वृक्ष लगाये जाने के संकल्प एवं पर्यावरण को संरक्षित किये जाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसी के क्रम में 22 जुलाई को 30 करोड़ वृक्ष लगाये गये हैं एवं 15 अगस्त को 5 करोड़ वृक्ष लगाये जायेंगे, जो कि पर्यावरण को संतुलित किये जाने में योगदान होगा।

उन्होंने बताया कि कृषि विभाग एवं कृषि सहवर्ती विभागों की "द मिलियन फार्मर्स स्कूल" की छठवें संस्करण की मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण सभी जिलों में प्रशिक्षण शुरू हुआ है, जिसके भीतर खरीफ फसल उत्पादन श्री अन्न के महत्व एवं उसकी पोषणता को देखते हुये ‘‘श्री अन्न अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स महोत्सव-2023’’ को सफल एवं प्रभावी रूप से लागू किया जाना, प्राकृतिक खेती एवं विशेष रूप से गौ-आधारित खेती को आगे की ओर बढाया जाना हैं। इसी प्रकार से कृषि विभाग के द्वारा वर्षा एवं कम वर्षा को देखते हुये, क्योकि अभी तक सामान्य बरसात की तुलना में अभी तक 80 प्रतिशत तक हुयी है, सामान्यतः उसमें असुन्तलन है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा बारिश हुयी है एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में कम बारिश हुयी है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुये हमारे लगभग 17 जिले ऐसे हैं जहाँ अधिक वर्षा हुई है और 09 जिले ऐसे हैं जहां बहुत कम वर्षा हुयी है।

इस स्थिति को देखते हुये उन्होंने अपील की, कि हम उन जनपदों के भीतर वैकल्पिक खेती जो कि हम कर सकें, खासतौर पर उसके भीतर मिलेट्स, ज्वार, बाजरा, मक्का की खेती की जा सकती है, सरकार उनकी सुविधा हेतु मिनीकिट उपलब्ध करायेगी।

कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने कृषि मंत्री को तुलसी का पौधा देकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी एस.राजलिंगम, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल सहित कृषि विभाग के प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।


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