वाराणसी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दुर्गाकुंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ग्रामीण क्षेत्र की नवीन 88 आशाओं के आठ दिवसीय प्रारंभिक प्रशिक्षण समापन सत्र में सहभागिता की और कहा कि ‘आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की सबसे मजबूत कड़ी हैं। चिकित्सा व स्वास्थ्य की सभी योजनाओं और कार्यक्रमों को समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। वह घर-घर जाकर बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं, किशोर-किशोरियों सहित सभी सदस्यों के स्वास्थ्य की देखभाल करती हैं। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर उन्हें जल्द से जल्द से जांच, उपचार व परामर्श के लिए प्रेरित करती हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं सीएचसी के नोडल अधिकारी डॉ निकुंज कुमार वर्मा ने सभी आशाओं को प्रमाण पत्र वितरित किए और उन्हें समुदाय को बेहतर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रेरित भी किया। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी (डीएचईआईओ) हरिवंश यादव, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (चिरईगांव) डॉ मानसी गुप्ता और जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (डीसीपीएम) रमेश प्रसाद वर्मा के द्वारा सभी आशाओं को दो बैच में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के समस्त कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत प्रशिक्षण व जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में आशा कार्यकर्ताओं को बच्चों व गर्भवती के नियमित टीकाकरण के लेकर किशोर-किशोरी स्वास्थ्य, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण कार्यक्रम, संचारी व गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता व पोषण समिति/दिवस, जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस, अंतराल व खुशहाल परिवार दिवस आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
डीसीपीएम रमेश प्रसाद वर्मा ने बताया कि इस साल जनवरी से अब तक ग्रामीण क्षेत्र के लिए 88 आशाओं का चयन किया गया है। इसमें अराजीलाइन के लिए 12, बड़ागांव से 12, सेवापुरी से 11, हरहुआ से 17, चिरईगांव से 14, चोलापुर से 3, काशी विद्यापीठ से 4 और पिंडरा से 15 आशाओं को चयन कर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस तरह से जिले के ग्रामीण क्षेत्र में आशाओं की संख्या 2028 से बढ़कर 2116 हो गई है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में 1000 की आबादी पर एक आशा कार्यकर्ता तैनात की जाती है जिससे समुदाय के सभी लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।
प्रशिक्षण व प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुकीं चिरईगांव ब्लॉक की नवीन आशा कार्यकर्ता अपर्णा मिश्रा (32) ने बताया कि आठ दिनों में हमने बहुत कुछ सीखा है। हमें समाज को स्वस्थ रखने और स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिलाने कि ज़िम्मेदारी दी गई है जिसका हम सभी अच्छे से निर्वाहन करेंगे। वह खुश हैं कि उन्हें लोगों के बीच काम करने का मौका मिल रहा है। सविता यादव (32) ने आशा कार्यकर्ता के उद्देश्य और भूमिका के बारे में बताया कि किस तरह से हमें लोगों को बेहतर स्वास्थ्य पोषण के लिए प्रेरित करना है। कविता चौबे (38) ने किशोर-किशोरी स्वास्थ्य के बारे में बताया कि इस उम्र में बहुत से बदलाव आते हैं जिसके लिए परिजनों को भी सावधान और जागरूक रहने की आवश्यकता है। दीपिका रानी (32) ने परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत शगुन किट के बारे में बताया कि शगुन किट नव विवाहित दंपति को दी जाती है जिसमें सुहाग की सामग्री के साथ कंडोम, प्रेग्नेंसी किट, आपातकालीन गर्भ निरोधक गोली आदि साधन रहते हैं। सभी आशा जल्द ही समुदाय में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगी।
प्रमाण पत्र वितरण से पूर्व सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने दुर्गाकुंड शहरी सीएचसी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मातृ-शिशु देखभाल इकाई (एमएनसीयू) वार्ड, प्रसव कक्ष, ऑपरेशन थियेटर, भंडारण, लैब, भर्ती मरीजों के वार्ड आदि का निरीक्षण किया। साथ ही बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, संक्रमण रोकथाम, साफ-सफाई आदि के बेहतर प्रबंधन के लिए समस्त स्टाफ को दिशा-निर्देश दिये।