वाराणसी। विकास भवन कार्यालय सभागार में संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की समीक्षा के साथ सात अगस्त से शुरू होने वाले सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान की तैयारियों के लिए जिला टास्क फोर्स बैठक का भी आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु नागपाल ने की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी और कार्यक्रम संबन्धित नोडल अधिकारी ने अभियानों की विस्तृत जानकारी दी। समस्त विभागों को निर्देशित किया कि शासन की ओर से दिये गए लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया। कीचड़ गंदगी, गंदे और बदबूदार जल जमाव, सीवेज जाम, प्रदूषित जल, नालियों के जाम आदि के कारण ही मच्छर व जल जनित बीमारियां फैलती हैं।
संचारी रोग नियंत्रण अभियान को लेकर सीडीओ ने पंचायती राज/ग्राम्य विकास विभाग को सभी ग्राम पंचायतों में झाड़ियों की कटाई, साफ-सफाई को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए निर्देशित किया। साथ ही फोगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव किया जाए। पानी न निकाला जा सके तो जला हुआ मोबिल गिराया जाए। नगर निगम को निर्देशित किया कि सभी पांचों शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर झाड़ियों की कटाई, गंदे पानी का जमाव, साफ-सफाई को पूरा करने के लिए निर्देशित किया। साथ ही शहर की गलियों में स्थापित मंदिरों में चूहों की समस्या को दूर किया जाए। गलियों में गंदगी और कई दिनों से हुये जल जमाव को दूर करें। कृषि व सिंचाई विभाग को मूषकों की रोकथाम और किसानों को जागरूक करें। आईसीडीएस विभाग को निर्देशित किया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आशाओं के साथ समन्वय बनाकर बच्चों और समुदाय को जागरूक करें। अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों का शत-प्रतिशत चिन्हान्कन करें। बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि सभी सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में संचारी रोग नियंत्रण और नियमित टीकाकरण को लेकर जागरूकता गतिविधियों का आयोजन करें। साथ ही बच्चों को घर के परिजनों और आसपास के लोगों को बीमारियों के प्रति सावधान रहने के लिए प्रेरित करें। अभियान की प्रतिदिन मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग ई-कवच व संबन्धित पोर्टल पर शत-प्रतिशत की जाए।
इसके अलावा बैठक में तीन चरणों में चलने वाले सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान की तैयारियों के बारे में जानकारी ली। पहला चरण 7 अगस्त से 12 अगस्त तक, दूसरा चरण 11 सितंबर से 16 सितंबर तक तथा तीसरा चरण 9 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक संचालित किया जाएगा। अभियान में उच्च जोखिम, मलिन बस्तियों, दूर-दराज के क्षेत्रों में विशेष ज़ोर दिया जाए। आशा कार्यकर्ता के माध्यम घर-घर जाकर सर्वेक्षण (हेड काउंट सर्वे) कराया जाए। टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों को चिन्हित करते हुये उन्हें मोबिलाइज़ किया जाए। समय से माइक्रोप्लान तैयार कर भेजा जाए। टीकाकरण से छूटे हुए पाँच वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर ई-कवच पोर्टल पर अपलोड की जाए। दो से पाँच साल तक के बच्चों को मीजिल्स-रूबेला की पहली-दूसरी डोज़ एवं ओपीवी व डीपीटी की बूस्टर डोज़ पर विशेष ज़ोर दिया जाए। लाभार्थियों को जागरूक कर टीकाकरण सत्र पर लाने के लिए प्रेरित करें और छूटे हुए बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण सुनिश्चित कराएं। अभियान की प्रतिदिन समीक्षा बैठक की जाए। जन भागीदारी सुनिश्चित करते हुये जन प्रतिनिधि, धर्मगुरुओं और प्रभावशाली व्यक्तियों का सहयोग लिया जाए। बैठक में विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा को लेकर प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा की गई।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग सहित आईडीसीएस, शिक्षा, पंचायती राज, नगर विकास विभाग के संबन्धित अधिकारी, चिकित्सा अधीक्षक, एमओआईसी, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूपीटीएसयू के प्रतिनिधि मौजूद रहे।