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काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव : 1 माह तक वाराणसी में होगा शास्‍त्रीय कार्यक्रम



 25/Jul/23

वाराणसी। आगामी 16 अगस्त से 18 सितंबर तक लगभग एक माह तक जनपद में आयोजित होने वाले "काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव" कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर की जा रही हैं। काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव में प्रस्तावित विधाओ में "गायन" अंतर्गत शास्त्रीय गायन में ख्याल और ध्रुपद, उपशास्त्रीय गायन में ठुमरी, दादरा, चैती, झूला, होरी, टप्पा, लोक गायन में कजरी, चैती, होरी, झूला, बिरहा, हिमालयी लोकगीत सहित अन्य प्रकार व सुगम संगीत में गीत, ग़ज़ल, भजन, देशभक्ति गीत आदि हैं। "वादन" में स्वर वाद्य अंतर्गत सितार, वायलिन, बांसुरी, शहनाई, गिटार, सारंगी, हारमोनियम, ताल वाद्य में तबला, पखावज, मृदंगम, घटम्, लोक वाद्य में दफ़ला, नगाड़ा, दुक्कड़, ढोल, ढोलक, नाल, ताशा तथा "नृत्य" में शास्त्रीय नृत्य अंतर्गत कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, लोकनृत्य में प्रचलित स्थानीय और हिमालयी लोकनृत्य व जनजातीय नृत्य में वाराणसी और आस-पास के जनजातीय नृत्य प्रमुख है।

काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव आयोजन में प्रतिभाग करने हेतु नियम एवं शर्तो के अंतर्गत सभी प्रतिभागियों को जनपद वाराणसी का स्थाई/अस्थाई निवासी होना चाहिये, महोत्सव में प्रतिभाग करने हेतु ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है, आनलाइन पंजीकरण, पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा, सभी प्रतिभागी अपने आयु वर्ग हेतु निर्धारित समूह में ही प्रतिभाग करेंगे, कलाकार/दलनायक अपने सहयोगी कलाकारों का सम्पूर्ण विवरण यथा-नाम, पता, आधारकार्ड न०, मोबाईल न०, पासपोर्ट साइज़ की दो फोटो अलग से प्रस्तुत करेंगे, सभी कलाकारों को संगतकलाकार व वाद्ययंत्रों की व्यवस्था स्वयं करनी होगी, देशभक्ति गीत, लोकगीत, लोकनृत्य, जनजातीय नृत्य एवं लोकवाद्य में केवल समूह प्रस्तुतियां होंगी, अन्य सभी विधाओं में सिर्फ एकल प्रस्तुतियां होंगी, प्रतिभागी एक से अधिक विधा में भी प्रतिभाग कर सकते हैं, सभी कलाकार एकल प्रस्तुति के अतिरिक्त सिर्फ एक समूह प्रस्तुति में भाग ले सकते हैं, संगतकार एक से अधिक दल के साथ संगत कर सकते हैं, प्रस्तावित विधाओं के अतिरिक्त कोई अन्य प्रस्तुति मान्य नहीं होगी, देशभक्ति समूह गीत प्रस्तुति के दौरान प्रतिभागी अपने नियत स्थान से नहीं हटेंगे, शास्त्रीय नृत्य एवं लोकनृत्य में उस विधा से सम्बंधित मान्य वेश-भूषा अनिवार्य है, समूह प्रस्तुतियों हेतु गणवेश (यूनिफॉर्म) अनिवार्य है, सभी प्रस्तुतियां पारंपरिक और मर्यादित हाव-भाव युक्त होनी चाहिए अन्यथा निर्णायक मण्डल द्वारा प्रस्तुति निरस्त की जा सकती है, प्रस्तुति से पूर्व उसके विषय का संक्षिप्त आलेख निर्णायक मंडल के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य है, किसी राजनीतिक दल, धर्म, संप्रदाय, जाति या व्यक्ति की भावनाओं को आहत करने वाली प्रस्तुतियां प्रतिबंधित हैं, एकल या समूह नृत्य में अग्निवर्धक व दुर्घटनाकारी सामग्रियों का प्रयोग प्रतिबंधित है, सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र, विजेताओं को प्रमाणपत्र, मेडल/स्मृति चिह्न/नगद पुरस्कार (आयोजन समिति द्वारा निर्धारित) प्रदान किया जायेगा तथा निर्णायक मण्डल का निर्णय अन्तिम एवं सर्वमान्य होगा व आयोजन समिति आवश्यकतानुसार कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है, जो सर्वमान्य होगा।

विधा के एकल गायन में कलाकारों की संख्या 01+03 संगतकार व समयावधि 05+1 मिनट, समूह गायन में कलाकारों की संख्या 06-12 संगतकार सहित व समयावधि 05-08 मिनट, एकल नृत्य में कलाकारों की संख्या 01+ 03 संगतकार व समयावधि 05+1 मिनट (रिकार्डेड संगीत मान्य होगा), समूह नृत्य में कलाकारों की संख्या 06-12 संगतकार सहित व समयावधि 05-08 मिनट (रिकार्डेड संगीत मान्य होगा), एकल वादन में कलाकारों की संख्या 01+01 संगतकार व समयावधि 05 +1 मिनट तथा समूह वादन में कलाकारों की संख्या 05-10 संगतकार सहित व समयावधि 06-10 मिनट होगी। बताया गया कि एकल गायन व नृत्य की प्रस्तुति में अधिकतम 03 संगतकार मान्य होंगें। समूह गायन एवं नृत्य में संगतकार सहित कलाकारों की संख्या न्यूनतम 06 और अधिकतम 12 होनी चाहिए तथा समूह वाद्य प्रस्तुति में कलाकारों की संख्या न्यूनतम 05 और अधिकतम 10 होनी चाहिए। निर्णायक मण्डल हेतु नियम-निर्देशो के क्रम में निर्णायक मण्डल का निर्णय, महोत्सव हेतु निर्धारित नियमों पर आधारित होगा, निर्धारित समय-सीमा के अंतर्गत प्रस्तुति संपन्न कराना निर्णायक मण्डल का दायित्व होगा, अनापेक्षित प्रस्तुतियों को निरस्त करना निर्णायक मण्डल का दायित्व होगा, किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में सक्षम अधिकारी को अविलम्ब सूचित करना निर्णायक मण्डल का दायित्व होगा, प्रस्तुतियों की समाप्ति के उपरान्त प्रतिदिन का निर्णय सक्षम अधिकारी को प्रेषित करना निर्णायक मण्डल का दायित्व होगा, स्थानीय आयोजक मण्डल, उपर्युक समस्त कार्यवाही निर्णायक मण्डल से समन्वय स्थापित कर संपन्न कराएगा तथा निर्णायक मण्डल हेतु आवश्यक व्यवस्था/संसाधन यथा-बैठने हेतु सम्यक स्थान, कुर्सी, टेबल, कार्डलेस माइक, अलार्म घड़ी, स्टेशनरी आदि की व्यवस्था स्थानीय आयोजक मण्डल द्वारा की जायेगी ।

बताते चलें कि कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में 16 से 27 अगस्त तक न्याय पंचायत स्तर पर होने वाले कार्यक्रम के लिए अधिक से अधिक प्रतिभागियों को चिन्हित किए जाने का निर्देश दिया। "काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव" के अंतर्गत प्रथम चरण में 16 से 27 अगस्त तक न्याय पंचायत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिसमें 16 से 18 अगस्त तक अराजीलाइन व बड़ागांव, 19 से 21 अगस्त तक चिरईगांव व चोलापुर, 22 से 24 अगस्त तक हरहुआ व काशीविद्यापीठ तथा 25 से 27 अगस्त पिण्डरा व सेवापुरी विकास खंड  के न्याय पंचायतो में गायन, वादन व नृत्य विद्या में कार्यक्रम होंगे। कार्यक्रम के द्वितीय चरण में 28 अगस्त से 11 सितंबर तक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में विकासखंड एवं जोन स्तर पर गायन, वादन एवं नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसके तहत 28 से 30 अगस्त तक विकासखंड अराजीलाइन एवं बड़ागांव तथा शहरी क्षेत्र में वरुणापार एवं आदमपुर जोन, 1 से 3 सितंबर तक विकासखंड चिरईगांव एवं चोलापुर तथा शहरी क्षेत्र में कोतवाली जोन, 3 से 6 सितंबर तक विकास खंड हरहुआ एवं काशीविद्यापीठ तथा शहरी क्षेत्र में दशाश्वमेध जोन एवं 8 से 11 सितंबर तक विकासखंड पिण्डरा एवं सेवापुरी तथा शहरी क्षेत्र के भेलूपुर जोन में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। तृतीय चरण में 14 से 16 सितंबर तक कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिसके अंतर्गत 14 सितम्बर को गायन, 15 सितंबर को वादन तथा 16 सितंबर को नृत्य के कार्यक्रम काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन हॉल में आयोजित होंगे। कार्यक्रम के अंतिम चरण में विशिष्ट प्रस्तुतियां 18 सितंबर को होगी। जिसमे प्रतियोगिता के विजेताओं एवं वाराणसी के ख्यातिलब्ध कलाकारों की प्रस्तुतियां होगी।


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