आज काशी के दो शिव-भक्त रमेश उपाध्याय एवं सतीश अग्रहरि ने आदि विश्वेश्वर का प्रतीक शिवलिंग ज्योतिष्पीठाधीश्वर शङ्कराचार्य को समर्पित किया और उनकी आज्ञा से शिवलिंग लेकर काशी को रवाना हुए। ज्ञातव्य है कि काशी के ज्ञानवापी परिसर में विगत दिनों भगवान् आदि विश्वेश्वर प्रकट हुए और फिर भी उनका पूजन अर्चन इतने दिनों बाद भी आरम्भ न हो सका इस बात से अत्यन्त दुःखी हुए परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती 1008' ने काशी में यह घोषणा की थी कि काशी में पूरे भारत के सभी गांवों से 11 लाख शिवलिंग एकत्रित किए जाएंगे और काशी में उसकी स्थापना की जाएगी।
शङ्कराचार्य जी के इसी मुहिम को आगे बढाते हुए सर्वप्रथम गांव नरैना जिला रोहतास बिहार व पिशाचमोचन वाराणसी गांव से शिवलिंग काशी पहुँच रहा है।
इस अवसर पर पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी महाराज ने कहा कि केवल मैं अकेला ही नहीं अपितु भारत का प्रत्येक सनातनधर्मी इस बात से मर्माहत है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिवलिंग के संरक्षण की बात स्पष्ट रूप से लिखे जाने के बाद भी भगवान् शिव राग-भोग से वंचित हैं जबकि कानून की दृष्टि से भी पूजा प्राप्त करने का अधिकार प्रकट शिवलिंग को है।
काशी के इन दो शिव भक्तों के संग अन्य अनेक लोगों भी अपने-अपने गांव से आदि विश्वेश्वर के प्रतीक शिवलिंग को श्रीविद्यामठ पहुँचाने का संकल्प किया। उक्त जानकारी पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय ने दी है।