वाराणसी स्थित 11 एनडीआरएफ सदैव ही विभिन्न प्रकार की आपदाओं में राहत बचाव में अग्रणी रहती है। इसके अतिरिक्त धार्मिक आस्था के प्रतीक पवित्र स्नानों में लोगों की सुरक्षा के लिए भी तैनात होती है। सावन में देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में जलाभिषेक के लिए लाखों की संख्या में शिवभक्त आते है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा बेहद जटिल होती है। श्रद्धालुओं की सुगमता और सुरक्षित तरीके से दर्शन करने के लिए वाराणसी जिला प्रशासन के साथ समन्वय करते हुये एनडीआरएफ बचावकर्मियों को वाटर एम्बुलेंस, गोताखोर, पैरामेडिक्स, डीप डाइविंग सेट, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय व अन्य बचाव उपकरणों के साथ घाटों पर तैनात किया गया हैं। एनडीआरएफ के बचाव कर्मी अधिक गहरे पानी वाली जगहों को चयनित कर श्रद्धालुओं को वहां ना जाने की हिदायत दे रहे हैं। एनडीआरएफ के बचाव कर्मी घाटों पर मोटर बोट व प्रशिक्षित गोताखोरों की सहायता से श्रधालुओं पर अपनी पैनी नज़र रख हुए हैं।
मनोज कुमार शर्मा, उपमहानिरीक्षक 11 एनडीआरफ, वाराणसी ने बताया कि काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करके जलाभिषेक करने मंदिर जाते हैं। गंगा नदी में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं पर एनडीआरएफ की टीमे पुरे सावन भर निगरानी रखेगी, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचाव किया जा सके। एनडीआरएफ के चिकित्सक डॉ. पंकज गौरव एवं डॉ. विवेक कुमार की देखरेख पुरे सावन महोत्सव के दौरान जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए ललिता घाट के पास, फूड प्लाजा, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में चिकित्सा शिविर लगाया गया है। उन्होने श्रद्धालुओं से सावधानी बरतते हुए इस पर्व को मनाने का अनुरोध किया और बताया कि एनडीआरएफ पूरी श्रद्धा के साथ इस पर्व को सफल बनाने के लिए श्रद्धालुओं कि सुरक्षा में तैनात है।