प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस अब तक हजारों निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन CMO ऑफिस में ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से हो चुका है, जिसकी फाइनल संस्तुति जिलाधिकारी के माध्यम से होना अभी बाकी है किन्तु शासन-प्रशासन की तरफ से मामला अभी लंबित है। जिलाधिकारी का निर्देश है कि वे खुद या फिर,SDM, ADM अस्पतालों के निरीक्षण करके रिन्यूअल की संस्तुति करेंगे। शासन-प्रशासन को त्योहारों व VIP ड्यूटी से फुरसत नहीं है। प्राइवेट अस्पताल रिन्यूअल प्रोसेस के इन्चार्ज, मेडिकल ऑफिसर डॉ. एचसी मौर्य अपने आप को असहाय पाते हैं। ऐसी स्थिति में अस्पतालों के साथ ही मरीज भी दुर्व्यवस्था के शिकार हैं। बताते चलें कि निजी अस्पतालों के रिन्यूअल की कार्रवाई कोई नई प्रक्रिया नहीं है बल्कि बरसों से चली आ रही है ऐसे में जो अस्पताल पुराने हैं उनका मुआयना पहले से ही होता चला आ रहा है। उनके रिन्यूअल के प्रोसेस में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए बशर्ते उनके खिलाफ कोई शिकायत रजिस्टर न की गई हो। हाँ नए अस्पतालों का अवश्य मुआयना करके ही उनका रजिस्ट्रेशन करना चाहिये।
नाम न छापने की शर्त पर कई निजी अस्पताल के संचालकों ने क्लाउन टाइम्स को बताया कि अस्पतालों के नवीनीकरण के नाम पर सूबे की योगी सरकार के जीरो टॉलरेंस की खुलेआम उड़ाई जा रही है धज्जियाँ।