वाराणसी। बच्ची के साथ छेड़खानी करने के मामले में स्कूल के स्टाफ़ को जमानत मिल गयी। विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट (तृतीय) शैलेन्द्र सिंह की अदालत ने मलीन बस्ती, कबीरचौरा निवासी आरोपित सूरज भारती को 50-50 हजार रुपये की दो जमानते एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव वर्मा ने पक्ष रखा।
जानें क्या है मामला
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी ने चेतगंज थाने में इस आशय की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि 16 मार्च 2023 को वादी अपनी चार वर्षीय पुत्री को मलदहिया स्थित यूनिक एकेडमी स्कूल से घर लेकर आया तो उसने मेरे पत्नी को अपना शरीर छू कर रो कर बताया कि अंकल ने ऐसे छेड़ छाड़ किया है। मेरी पत्नी ने स्कूल के प्रिन्सपल को फोन करके बताया और उस दिन का सी.सी.टी.वी. फुटेज दिखाने को कहा तथा स्कूल पहुंचने पर डायरेक्टर गिन्नी भाटिया और करण सिंह व अन्य मनेजमेन्ट के लोग कैमरे से जुड़े का पासवर्ड याद न होने की वजह से फुटेज न चल पाने का बहाना किया और अगले दिन बुलाये। 17 मार्च 2023 को जब हम लोग स्कूल पहुंचे और फुटेज दिखाने को कहा तो उपरोक्त सभी ने जान बूझ कर घटना छुपाने के लिए सी.सी.टी.वी. से सारा फुटेज डिलिट करवा दिया था और रिपुदमन सिंह, डाली भाटिया, करण सिंह, गिन्नी भाटिया व गिन्नी भाटिया के भाई जिनका नाम नहीं जानता हूँ। व अन्य अज्ञात लोग जिनको मैं पहचान सकता हूँ ने अपने साथ सूरज के ऊपर शक होने की बात कहीं। मेरे कहने पर सभी स्टाफ को बुलाये जिसमें सूरज नाम के स्टाफ को देख कर मेरी बच्ची डरने लगी तो उपरोक्त सभी लोगों ने उसकी पिटाई की और हम लोगो से माफी मांगने लगे। मेरे और मेरी पत्नी के उपर कोई कार्यवाही न करने के लिए नाजायज दबाव बनाने लगे और कहे कि उनकी पहुंच ऊपर तक है। मामला रफा दफा करवा दे देंगे। काफी निवेदन करने पर अगले दिन 18 तारीख को बुला कर फुटेज दिखाने को कहे और जाने पर टाल मटोल करने लगे और कहने लगे कि तुम लोगो को झूठे मुकदमें में फंसा देगे। अगर स्कूल का नाम बदनाम हुआ तो जान से मरवा देंगे।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव वर्मा ने दलील दी कि आरोपित निर्दोष है, उससे रंजिश व षड्यंत्र के तहत स्कूल के प्रबंधकों द्वारा मुकदमा उपरोक्त में असत्य आधारों पर फर्जी ढंग से फंसाया गया है। सुनीता देवी पत्नी ओमप्रकाश श्रीवास्तव दाई का काम करती है, जिसने घटना से स्पष्ट इनकार करते हुए यह कहा कि जहां तक सूरज भारती का सवाल है वह केवल सफाई का काम करता है। बच्चों से उसका कोई मतलब नहीं होता है। इसी तरह रुबीना श्रीवास्तव ने भी यहीं कहाँ कि मैं घटना के दिन स्कूल में पीड़िता का व्यवहार सामान्य था। बच्चों को लैट्रीन बाथरूम ले जाने का कार्य मैं करती हूँ, उस दिन पीड़िता क्लास के बच्चों के साथ खेलकूद रहीं थी। जहां तक सूरज भारती का सवाल है वह क्लास में ही रहता है। बच्ची के क्लास से उसका कोई मतलब नही है। आरोपित 17 मार्च 2023 से जिला कारागार में निरुद्ध है। आरोपित इतने लम्बे समय से बिना किसी अपराध में मात्र स्कूल प्रबंधक धनउगाही के बीच में निर्दोष रखते हैं।
जहां तक पीड़िता का सवाल है कि उसने अपने 164 के बयान में पूछने पर बताया कि अंकल गंदे हैं इशारे से बताया कि टी-शर्ट के अंदर हाथ डालकर अंकल बोले कि अच्छा लग रहा है। पैर की तरफ इशारा करके बताया कि अंकल पैर जला दिये। पीड़िता ने यह भी बताया कि अंकल ने मेरा मुंह दबाकर मारे।