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काशी में स्वर्णिम रथ पर सवार हुए बाबा काल भैरव-स्वर्ण रजत पंचबदन प्रतिमा की निकाली 70वीं भव्य शोभायात्रा



 20/Jun/23

स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी द्वारा 1954 से निकाली जा रही है शोभायात्रा

देवाधिदेव महादेव की नगरी में काशी के कोतवाल बाबा श्री कालभैरव जी के स्वर्ण रजत निर्मित पंचबदन प्रतिमा की भव्य 70 वी शोभायात्रा के अद्भुत पलों को हर भैरव भक्त गलियों में सड़कों पर रुक कर दर्शन कर अपने को धन्य महसूस कर रहे थे।

पूर्वांचल व काशी के जनप्रतिनिधि, पीठाधीश्वर, सामाजिक व आध्यात्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि स्वर्णकार समाज के लोग तथा काशी कि हजारों धर्म परायण जनता स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी की ओर से सन 1954 में निर्मित बाबा श्री काल भैरव जी के स्वर्ण-रजत प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा का माहौल जो प्रतिवर्ष आषाढ़ सुदी द्वितीया के दिन स्वर्णकार बंधु निकालते हैं, भक्तिमय हो गया।

इस बार शोभायात्रा के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी जी रहे तथा विशिष्ट अतिथि राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र "दयालु" रहे।

शोभायात्रा के प्रारंभ में चौखंभा स्थित काठ की हवेली पर अध्यक्ष कमल कुमार सिंह, महामंत्री सतीश कुमार सिंह, शोभायात्रा मंत्री जनार्दन वर्मा एवं कमेटी के पदाधिकारियों सहित उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने बाबा की आरती उतारी। आस्थावानों ने सुबह से ही चौखंभा, कालभैरव क्षेत्र में पहुंचकर बाबा श्री के दर्शन कर शोभायात्रा में पदयात्रा करते हुए अपने को धन्य होने के लिए आतुर रहे।

शोभायात्रा में आगे ताशा बाजा के साथ ध्वजा पताका लिए श्रद्धालु चल रहे थे तथा 11 छतरी युक्त घोड़ों पर देव स्वरूप धारण किए उनके गणों के साथ बैंड बाजा और पाइप बैंड की धुनों के साथ टोली निकली।

शोभायात्रा में कमेटी के संस्थापक स्वर्गीय किशुनदास हुआ स्वर्गीय भीखू सिंह की तस्वीर भी सुसज्जित ट्राली पर चल रही थी साथ में उनके परिजन भी चल रहे थे। माता काली, मां दुर्गा की प्रतिमाएं भी अपने करतब दिखाते हुए प्रदर्शन कर रही थीं। शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती, हनुमान जी तथा काली जी सहित अनेक देव स्वरूप शामिल रहे। साथ ही नीरज सेठ की टीम के कलाकार शोभायात्रा के दौरान संगीतमय भजन प्रस्तुत कर रहे थे, इससे पूरे रास्ते भर भक्तिमय वातावरण का माहौल था। शोभायात्रा के दौरान गोविंदेश्वर महादेव की झांकी आकर्षण का केंद्र रहा तथा टीम के सदस्य डमरुओं की गड़गड़ाहट से पूरे क्षेत्र को गुंजायमान कर रहे थे। शहनाई के साथ बाबा श्री कालभैरव जी की स्वर्ण - रजत प्रतिमा स्वर्णिम रथ पर विराजमान थी तथा बाबा ने रथ पर भ्रमण कर अपने भक्तों के दुख दर्द को सुना। रास्ते भर भक्तों को प्रसाद का वितरण किया जा रहा था।

शोभायात्रा अपने परंपरागत मार्ग चौखंभा स्थित काठ की हवेली से उठकर बीबीहटिया, जतनबर, विशेश्वरगंज, महामृत्युंजय, दारानगर, मैदागिन, बुलानाला, चौक, नारियल बाजार, गोविंदपुरा, ठठेरी बाजार, सोराकुआं, गोलघर होते हुए कालभैरव चौराहे तक गई, जहां बाबा की भव्य आरती उतारकर प्रतिमा को मंदिर में प्रतिस्थापित किया गया।

सायंकाल पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में 11 भूदेवों ने श्री राम मंदिर में बसंत पूजन किया। मंदिर में रात्रि 11 बजे महाआरती तक भक्तों को दर्शन प्राप्त हुए तथा मंदिर प्रांगण से प्रसाद का वितरण होता रहा।

शोभायात्रा के दौरान विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने बाबा के शोभायात्रा का स्वागत किया और शीतल पेय लोगों को उपलब्ध कराया। इस दौरान कमेटी के पदाधिकारीगण पारंपरिक केसरिया पगड़ी धारण किए हुए थे।

शोभायात्रा के पूर्व कमेटी के संरक्षक श्याम सुंदर सिंह के नेतृत्व में अनुज गौतम, महेश सिंह, संदीप सेठ, जितेंद्र सेठ, संजय सेठ आदि ने रथ को तैयार किया। शोभायात्रा के संचालन व्यवस्था में शोभायात्रा मंत्री जनार्दन वर्मा के साथ कमेटी के पदाधिकारियों ने सहयोग किया।

शोभायात्रा के दौरान कमेटी की ओर से मंदिर परिसर तथा जाने वाले सभी मार्गों को विभिन्न प्रकार के फूल पत्तियों तथा विद्युत झालरों से आकर्षक तरीके से सजाया गया था।

मीडिया संयोजक किशोर सेठ के अनुसार शोभायात्रा के दौरान मुख्य रूप से स्वर्णकार समाज के सिरमौर तथा राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी, राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु, एजीएम हाईकोर्ट सुषमा सोनी, अजय वर्मा लखनऊ, दुर्गा प्रसाद प्रयागराज, पार्षदगण कनकलता मिश्रा, सुरेश चौरसिया, संजय विश्वंभरी, हिमांशु सोनी सैदपुर, पूर्व पार्षदगण संजय शाह, किशोर सेठ, विपुल गुजराती, प्रदीप कसेरा के साथ देवेंद्र सेठ, रोशन गुजराती, प्रभुशंकर सेठ, राकेश वर्मा, सत्यनारायण सेठ, शिव बारात समिति के दिलीप सिंह आदि मौजूद रहे। इन अतिथियों को अंगवस्त्रम प्रदान कर इनका अभिनंदन किया गया।

शोभायात्रा में कमेटी परिवार से गंगाराम जी, सरोज सेठ, विनोद कुमार सेठ, श्याम सुंदर सिंह, रवि सर्राफ, कृष्ण कुमार सेठ, मुरली मनोहर सिंह, डॉ.कैलाश सिंह विकास, नरसिंह दास, सुरेंद्र सोनी, रविशंकर सिंह, अशोक वर्मा, दुर्गा प्रसाद एडवोकेट, देवकांत वर्मा, शैलेश चंद्र वर्मा के साथ घनश्याम सेठ, अनुज गौतम, सत्य प्रकाश सेठ, श्याम कुमार सर्राफ, राजू वर्मा, प्रताप सिंह, अवधेश सेठ, जनार्दन वर्मा, विशाल सेठ, रविशंकर, सुरेंद्र सेठ एडवोकेट, संदीप सेठ, आशीर्वाद सिंह, महेश सिंह, जितेंद्र सेठ, विक्रम सिंह, कृष्ण कुमार पवार, किशन सेठ, अजीत सोनी, श्याम जी सेठ, संजय सिंह संजू, राजन सेठ, मनोज सेठ, सर्वेश वर्मा, अनूप गौतम, राजेश सोनी, नीरज सेठ, विनोद सेठ, रामप्रकाश लाले, किशन सेठ सहित हजारों लोग शामिल रहे।

 


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