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पीएम मोदी के मानव केंद्रित सोच से देश में परिवर्तन : एस जयशंकर



 11/Jun/23

वाराणसी। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने रविवार को मलदहिया स्थित गांधी अध्ययन पीठ में भारतीय विदेश नीति : उद्देश व विशेषताएं विषयक गोष्ठी में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मानव केंद्रित सोच से देश में परिवर्तन हो रहा है। प्रधानमंत्री की राष्ट्रवादी विचारधारा ने देश को सशक्त बनाया है। पहले और वर्तमान सरकार की नीतियों में जमीन व आसमान का अंतर है। इसका ही परिणाम है कि पूरी दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ रहा है। वसुधैव कुटुंबकम की नीति से पीएम मोदी की ओर पूरे विश्व की उम्मीद भरी नजरे लगी हुई हैं। 
        विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि विदेश मंत्री रहते हुए दूसरी बार काशी में आने का सौभाग्य मिला। बीते 9 वर्ष में यहां जितना विकास हुआ है वह पहले कभी नहीं हुआ था। इस परिवर्तन के बारे में कभी किसी ने नही सोचा था। इसे लेकर मेरी जो भावना है उसे बता नहीं सकता। मेरी विदेश नीति व काशी में बड़ा कनेक्शन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब यहां के सांसद बने तो पहली बार हुआ कि जब जापान के तत्कालीन पीएम का बनारस में आगमन हुआ। उन्होंने दो मित्र देशों की स्मृतियों को संजोए रखने के लिए काशी को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के रूप में एक आधुनिक भवन दिया।
         श्री एस जयशंकर ने कहा कि बीते 9 वर्षों में देश के अंदर जो परिवर्तन आया है उसके लिए 9 उदाहरण प्रस्तुत कर हूं। शुरुआत जी 20 सम्मेलन के आयोजन से कर रहा हूं। यह 18 वां सम्मेलन है जिसकी अध्यक्षता पहली बार भारत कर रहा है। इससे पहले 17 देशों में यह सम्मेलन हो चुका था लेकिन अबकी बार का यह सम्मेलन अद्भुत है। यह पहली बार है जब सम्मेलन में जनसहभागिता हो रही है। देश के 60 शहरों में आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान 20 देशों के सदस्य विकास की संभावना तलाश रहे हैं तो विभिन्न शहरों की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहरों से परिचित हो रहे हैं। जब ये सदस्य स्वदेश लौटेंगे तो सभी के मन में भारत के लिए उनके मन में एक चित्र होगा। अपने देश में वे भारत के राजदूत की तरह होंगे। अपनों के बीच उन शहरों का बखान करेंगे जिससे वे सभी परिचित हुए। जरा सोचिए यदि काशीवासी सही चुनाव कर श्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बनाते तो क्या यह सम्मेलन काशी में आयोजित होता। ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की स्वदेश वापसी क्या सम्भव थी। ऐसे ही ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान से पांच हजार भारतीयों की सुरक्षित वापसी हो सकी। कई विकसित देशों ने तो यूक्रेन में अपने देश के नागरिकों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जबकि पीएम मोदी का मानना था कि भारतीयों को विदेश में छोड़ा नहीं जा सकता। सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए उन्होंने अपने पांच मंत्रियों को भी जहाज से यूक्रेन भेज दिया था । क्या यह पूर्व की सरकारों में संभव था। यह सिर्फ एक या दो घटना नहीं। नेपाल व टर्की में भूकम्प, श्रीलंका में बारिश, म्यामार में तूफान जैसी आपदा में भी भारत वहां के लोगों के साथ खड़ा रहा। 
         श्री एस जयशंकर ने कहा कि वर्ष 2020 में जब देश कोरोना महामारी की चपेट में आया तो पीएम मोदी ने वंदे भारत मिशन चलाकर दूसरे देश व प्रदेश में गए लोगों को सुरक्षित घर भेजा। वैक्सीन बनी तो मैत्री अभियान चलाकर उन देशों का भी सहयोग किया जो विकसित देशों के पड़ोस में थे और वैक्सीन के लिए तरस रहे थे। यही वजह है कि पूरी दुनिया में पीएम मोदी का भव्य स्वागत हो रहा है। वसुधैव कुटुंबकम की भावना से पीएम मोदी की सरकार काम कर रही है। इससे अन्य देशों में भारत के प्रति विश्वास बढ़ा है। कठोर निर्णय लेने में भी मोदी सरकार पीछे नहीं हटी है। पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर कड़ाके की ठंड में पड़ोसी चीन का सामना करना हो, हर बार हमने अदम्य साहस का परिचय दिया है। कहा कि मुंबई में 26/11 की वारदात हुई लेकिन भारत की ओर से कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया। आज भारत सरकार की विदेश नीति की तुलना करें तो जमीन व आसमान का अंतर स्पष्ट रूप से दिखता है।
वर्ष 2015 में यूएन में योग दिवस का प्रस्ताव रखा गया। आज पूरा विश्व 21 जून को योग प्रदर्शन कर रहा है। यह भारतीय संस्कृति की पहचान है। देश में विकास कार्य भी परिवर्तन को आधार दिया है। जनसेवाएँ हाइटेक हुई हैं। इससे आमजन को सुविधा हो रही है। पहले देश में 77 केंद्रों पर पासपोर्ट बनता था जिसे बनवाने में एक वर्ष भी लग जाते थे। अब पीपीपी मॉडल 540 उपकेंद्र खुल गए है। तीन से चार दिनों में पासपोर्ट बन रहा है।
         विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर का स्वागत करते हुए भाजपा विदेश संपर्क विभाग के राष्ट्रीय संयोजक विजय चौथाईवाला ने कहा कि आज का भारत इतना मजबूत हो चला है कि विदेश में रहने वाले भारतीयों पर सरकार की छत्रछाया बनी रहती है। यहां के युवाओं के लिए दुनियाभर में नए अवसर खुले हैं। विदेश में रहने वाले भारतीय भी देश के विकास में सहभागी बन रहे हैं। सशक्त भारत के प्रति विश्व में विश्वसनीयता बढ़ी है। आमजन की सुविधाओं में इजाफा हुआ है। ढांचागत विकास ने गति पकड़ी है। इसका सटीक उदाहरण काशी है जहां आज जी-20 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हो रहा है।
      संचालन कर रहे सुभाष यदुवंश ने विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर के अब तक के राजनीतिक सफर के साथ ही उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कहा कि विदेश मंत्री ने काशी में भारत के विकास आधारित परिवर्तन के बाबत जो जानकारी दी है उससे आमजन को भी अवगत कराएं। इसके लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लें। 
               इस सफल आयोजन में डॉ. मनोज शाह, (प्रदेश-सह संयोजक, विदेश संपर्क विभाग, भाजपा), अमित अग्रवाल (सहयोगी,  विदेश विभाग, भाजपा),  रास बिहारी लाल (सहयोगी, विदेश विभाग, भाजपा) व मधुकर चित्रांश, उपाध्यक्ष (वाराणसी महानगर, भाजपा) का संगठन की ओर से आभार जताया गया।

 

सभागार में उपस्थित काशीवासियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का विदेश मंत्री ने दिया उत्तर


महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययन पीठ सभागार में आयोजित भारतीय विदेश नीतिः उद्देश्य एवं विशेषताएं विषयक आयोजित संगोष्ठी में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सभागार में उपस्थित काशीवासियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दिया।

प्रश्न : उद्योगपति मित्र का पासपोर्ट विदेश दौरे पर खो गया और जितना समय एफआईआर दर्ज करने में लगा उससे कम समय में इंडियन एम्बेसी ने टेम्प्रेरी पासपोर्ट दे दिया। यह कैसे संभव हुआ।

 उत्तर : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 2014 के पहले पासपोर्ट खो जाता था तो कई दिन लग जाता था लेकिन 2014 के बाद केंद्र सरकार के प्रयासों से एक डाटा बेस बनाया गया जो कि प्रत्येक इंडियन एम्बेसी के पास उपलब्ध है। थोडी सी जानकारी लेकर ये एम्बेसी आपको टेम्प्रेरी पासपोर्ट उपलब्ध करा देती है। 

प्रश्न : वाराणसी जैसे बड़े शहर में पासपोर्ट 3 से 7 दिनों के अंदर बन जाता है जबकि छोटे शहर जौनपुर, गाजीपुर में माह भर लगता है। 
 
उत्तर : विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसा होना नहीं चाहिए। अगर देरी हो रही हो तो इसके कारणो का पता लगाकर दिक्कत दूर की जाएगी‌।
       
प्रश्न : राहुल गांधी विदेशो में जाकर भारत की छवि खराब करते हैं तो इसके लिए क्या करना चाहिए 

उत्तर : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुस्कुराते हुए कहा कि इंडियन सिटीजन को 2024 में ठीक निर्णय लेना चाहिए।

  प्रश्न : भारत को अपने पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध कब तक् बनेंगे। 

उत्तर : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 2014 में पीएम मोदी ने जब प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तो उनका लक्ष्य था कि सबसे पहले अपने पड़ोसी देशों  से अच्छे संबंध बनाकर शांति स्थापित करना है।
     एक अन्य प्रश्न की रशिया और अमेरिका दोनों के साथ अच्छे संबंध कैसे बनाकर रखा जा सकता है इसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी के सबका साथ सबका विकास के आधार पर ही सभी से अच्छे संबंध बनाकर रखें जा सकते हैं।
   एक अन्य प्रश्न की काशी में ऐसी क्या बात है कि काशी दुनियां को अपनी ओर आकर्षित कर रही है इसके प्रश्न पर विदेश मंत्री ने हंसते  हुए कहा कि काशी की समृद्ध शाली विरासत कला ,संस्कृति सबको अपनी और आकर्षित करती है और सबसे बड़ी बात काशी ने एक ऐसे व्यक्ति को संसद में चुन कर भेजा है जो भारत का प्रधानमंत्री है। जिसने दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाया है।
        प्रश्न पूछने वालों में राजीव अग्रवाल, मयंक नारायण सिंह, विशाल गुप्ता, प्रज्ञा राय, रचना दुबे, कुशाग्र कपूर, राहुल मेहता, अनिल अग्रवाल, अनुज डीडवानिया, सोनम चौधरी, राजेश अग्रवाल आदि प्रमुख रहे।
संगोष्ठी की अध्यक्षता भाजपा क्षेत्रीय दिलीप सिंह पटेल ने की‌।
संचालन भाजपा प्रदेश महामंत्री व एमएलसी सुभाष यदुवंश ने व धन्यवाद ज्ञापन भाजपा जिलाध्यक्ष व एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने किया।

संगोष्ठी में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रविन्द्र जायसवाल, महापौर अशोक तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मोर्या, प्रदेश कोषाध्यक्ष मनीष कपूर,मनोज शाह,उद्योगपति आरके चौधरी, पद्मश्री रजनीकांत,  रामनारायण द्विवेदी, प्रेम कपूर,क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी, सह मीडिया प्रभारी संतोष सोलापुरकर, मधुकर चित्रांश, अमित अग्रवाल, नवीन कपूर,  जगदीश त्रिपाठी, प्रवीण सिंह गौतम, आत्मा विश्वेश्वर, रचना अग्रवाल, साधना वेदांति, नेहा कक्कड़ सहित शिक्षक, अधिवक्ता, उद्योगपति, व्यापारी ,डाक्टर्स आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।


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