वाराणसी। दिल्ली विश्वविद्यालय से मानव संसाधन में एमबीए कर रहीं नेहा चौहान की आवाज यहां खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में गूंज रही है। नेहा यहां पुरस्कार वितरण समारोह में एरिना में अपनी दिलकश आवाज के साथ मौजूदगी दर्ज कराती हैं तो माहौल बिलकुल बदल सा जाता है। तालियों की गड़गड़ाहट उनकी यादगार मौजूदगी का अहसास कराती है। हिंदी और अंग्रेजी की भाषा पर समान रूप से नियंत्रण रखने वाली नेहा स्पोर्ट्स एंकर के तौर पर अपनी पहचान स्थापित करने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही हैं।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की कुश्ती प्रतियोगिता में भी नेहा चौहान ने ही पुरस्कार वितरण समारोह में एंकरिंग की थी। इससे पहले पिछले साल उन्होंने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में संपन्न मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भी अपनी दिलकश एंकरिंग से सबका घ्यान अपनी ओर खींचा था। चार साल से अलग-अलग कार्यक्रमों में एंकर और प्रेजेंटर की जिम्मेदारी निभा चुकी नेहा कहती हैं कि लोगों से परस्पर संवाद स्थापित करने के लिए हिंदी से बेहतर दूसरी भाषा कोई और नहीं। हालांकि मेरी पकड़ हिंदी और अंग्रेजी दोनों पर है। ऐसे में इंवेंट में कभी दिक्कत नहीं आती। एंकरिंग मेरा प्रोफेशन और पैशन दोनों है। इससे मुझे अलग पहचान मिली है। उन्होंने बताया कि स्पोर्ट्स में एंकरिंग करने में मजा आता है। मूड रिलैक्स रहता है माहौल एकदम दोस्ताना। मैं एक-एक पल को एंजॉय करती हूं। करियर के लिहाज से भी यह क्षे़त्र काफी पोटेंशियल है।
नेहा बताती हैं कि उन्होंने एंकरिंग की टिप्स यूट्यूब चैनलों से ली है। काफी मेहनत और अभ्यास के बाद आज उनकी एंकरिंग सुस्पष्ट और धाराप्रवाह हो सकती है। उन्होंने कहा कि कोई भी इवेंट हो, एंकर के पास उस इवेंट की बेसिक नॉलेज जरूरी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक एंकर के तौर पर मैं न्यूज चैनलों की एंकर और न्यूज़ रीडर को फॉलो करती हूं। उनसे भी काफी कुछ सीखने को मिलता है।