इस वक्त भीषण तपिश एवं गर्मी के मौसम में बच्चों को होने वाली बीमारियों एवं उनसे बचाव के बारे में चर्चा करने के लिए क्लाउन टाइम्स ने रविंद्रपुरी स्थित मिनहाज चाइल्ड एवं नर्सिंग केयर के वरिष्ठ नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मिनहाज हुसैन से खास बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि इस गर्मी के मौसम में उल्टी दस्त के बहुत ज्यादा केसेस आ रहे हैं। बच्चों में गले में इन्फेक्शन और वायरल इंफेक्शन के केसेस भी आ रहे हैं। गर्मी का मौसम बैक्टीरिया के डेवेलप होने के लिए फेवरेबल होता है। बच्चे अनहाइजीनिक फूड की वजह से और उसके बाद हैंडवाश ना करने की वजह से बैक्टीरिया को अट्रैक्ट कर लेते हैं और कई बार बोतल से दूध पीने वाले बच्चों के बोतल के निप्पल स्टेरलाइज ना करना,उसको साफ ना करना और समय से चेंज ना करने की वजह से भी बैक्टीरिया बहुत तेजी से ग्रो करता है,और बच्चों में इंफेक्शन इतना ज्यादा हो जाता है कि उसकी दवाइयां भी असर नहीं करती इसलिए बैक्टीरियल डायरिया गर्मी के मौसम में बहुत ही कॉमन हो गया है।
पूछे जाने पर की बार-बार डायरिया ना हो उन्होंने बताया कि इसके लिए सबसे जरूरी है कि सबसे पहले हाइजीन मेंटेन किया जाए बच्चे जब भी बाहर से खेल कर आए और खाना खाने से पहले तथा बाथरूम से आने के बाद उनका हैंडवाश जरूर कराएं। छोटे बच्चों के बोतल के निप्पल हर महीने चेंज करते रहना चाहिए और दूध पीने वाले बोतल के नेप्पल्स को लिक्विड सोप से अच्छे से वॉश करना चाहिए।
अक्सर डायरिया की वजह से बच्चे एडमिट हो जाते हैं और लगभग 1 हफ्ते तक एडमिट रहते हैं ।जैसे ही बच्चों को उल्टी दस्त शुरू होती है उनके शरीर में डिहाइड्रेशन हो जाता है जिससे पानी की कमी के कारण उनके अंदर कमजोरी आ जाती है जिस वजह से उनका शरीर इस इंफेक्शन से लड़ नहीं पाता और डिहाइड्रेशन के समय दवाइयां भी ज्यादा असर नहीं कर पाती ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण इलाज है ओरल रिहाइड्रेशन थेरेपी जिसमें बच्चों को इलेक्ट्रोल का घोल या नींबू नमक चीनी पानी का घोल देना चाहिए, इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि कई माताएं ओआरएस या इलेक्ट्रॉल का घोल सही विधि से नहीं बनाती हैं वह पानी कई बार कम या ज्यादा मात्रा में मिलाकर देती हैं जिससे इलेक्ट्रॉल पूरी तरह असर नहीं करता तो इस बात का उनको ध्यान देना चाहिए कि एक बड़ा पाउच है अगर तो उसको 1 लीटर पानी में ही मिक्स करें और छोटा पाउच 200ml पानी में मिक्स करें जिससे इलेक्ट्रोल की कंसन्ट्रेशन सही रहे और वह पूरी तरह असर करे। कई बार छोटे बच्चे इलेक्ट्रोल पीने से मना कर देते हैं ऐसे में उन्हें घर में बने हुए पेय दिए जा सकते हैं जैसे नींबू पानी,चावल का पानी, दाल का पानी, लस्सी और कोकोनट वाटर जिससे उनकी बॉडी फिर से रिहाइड्रेट हो जाती है और बच्चे सीरियस कंडीशन में नहीं जाते। कई बार जानकारी के अभाव में माताएं कुछ ऐसी चीजें भी बच्चों को दे देती हैं जिससे उनका केस और बिगड़ जाता है तो ध्यान देने वाली बात यह है कि उनको क्या नहीं देना है। डायरिया के समय जिसमें उन्हें सिर्फ चीनी पानी का घोल,चाय-कॉफी,कोल्ड ड्रिंक एवं जूस नहीं देना है यह सब देने से डायरिया और बढ़ जाता है और बच्चा सीरियस हो जाता है तो इन सब चीजों को देने से बचना चाहिए और सबसे बेस्ट है कि डायरिया होने पर बच्चों को ओआरएस का घोल सही समय पर और सही कंसन्ट्रेशन में बना कर दिया जाए तो बच्चे सीरियस कंडीशन में जाने से बच सकते है।