वाराणसी। सत्र न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने कई संस्थाओं का सदस्य होने का धौंस देकर होटल कारोबारी से रंगदारी मांगने के दशाश्वमेध थाने के एक मामले में भेलूपुर, गौरीगंज निवासी गिरजाशंकर जायसवाल की जमानत अर्जी अपराध की गंभीरता को देखते हुए खारिज कर दी। अदालत में वादी राजेश तिवारी के अधिवक्ता अनुज यादव, चंद्रबली पटेल व रोहित यादव ने आरोपित की जमानत अर्जी का विरोध किया।
प्रकरण के मुताबिक वादी मीरघाट स्थित एक होटल का मैनेजर था। 12 दिसंबर 2022 की रात सवा 10 बजे छित्तूपुर स्थित अपने घर जा रहा था। उसी दौरान रास्ते में कुछ लोगों ने धमकी दी कि अपने मालिक विनय चौधरी को बता देना कि गिरजा शंकर जायसवाल दरखास्त से डरने वाला नही है और वह तुम्हारे मालिक को इतना परेशान कर देगा कि उसका धंधा बंद हो जाएगा और वह बर्बाद हो जाएगा। इससे बचना है तो गिरजा को रुपये दे दो नही तो इतना बुरा करवा देगा की जो कभी उसने सोचा नही होगा। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अदालत ने तथ्यों व परिस्थितियों के मद्देनजर अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
अदालत में वादी के अधिवक्ता अनुज यादव ने कहा कि आरोपी एक शातिर जालसाज व्यक्ति है जो प्रतिष्ठित व्यापारियों, होटल मालिकों के विरुद्ध यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया व मानवाधिकार मिशन नई दिल्ली का सदस्य बताते हुए शिकायती प्रार्थना पत्र देकर धन उगाही करता है, जबकि वह इन संगठनों से पहले ही निष्कासित हो चुका है और उसके विरुद्ध पांच मुकदमे पहले से ही लंबित है। ऐसे में कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज किये जाने का अनुरोध किया गया।