देश के भविष्य निर्माण में अग्रणी निभाने के लिए संकल्पित आजमढ़ के ‘ इंटर नेशनल पब्लिक स्कूल’ में विद्यार्थियों को इस प्रकार तरासा जाता है कि जिससे उन्हें जीवन में आगे बड़ने का मौका मिले। ये बाते स्कूल के प्रमुख अजय मिश्र ने एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान कही। श्री मिश्र ने कहा कि शिक्षक दिवस सर्वप्रथम राधाकृष्णन के योगदान के लिए मनाया जाता है, जिससे शिक्षकों को सम्मान मिल सके। कहा कि शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच जो संबंध है वह आज बिल्कुल बदल चुका है। इसके लिए शिक्षकों ईमानदारी व विश्वास की जरूरत है।
श्री मिश्र ने बताया कि इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल एक ऐसा विद्यालय है जहां 15 प्रतिशत गरीब के बच्चे नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण करते हैं वहीं दूसरी ओर 25 प्रतिशत गरीब विद्यार्थियों की पूरी फीस माफ की जाती है। शिक्षा का व्यवसायीकरण के सवाल पर कहा कि अगर शिक्षा ईमानदारी पूर्वक दी जाए तो किसी गरीब का बेटा पैसों के अभाव में शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा और देश के भविष्य निर्माण में उसका योगदान हो सकेगा। अभिभावकों को चाहिए कि जहां शिक्षा महंगी हो, व्यवसायीकरण किया जा रहा हो वहा अपने बच्चों को न भेजकर कम खर्च में अच्छी व बेहतर शिक्षा दें।
इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के संचालक अजय मिश्र ने दावा किया कि भले ही हमारे स्कूल बिल्डिंग औरों की तुलना में छोटी है किन्तु शिक्षा के मामले में यहां के विद्यार्थियों की तुलना की जाय तो वे अव्वल नजर आते हैं।
सरकार से मान्यता प्राप्त इनके विद्यालय में सीबीएसई पैटर्न के अन्तर्गत पढ़ाई होती है जिनमें 8 अध्यापकों व 15 अध्यापिकाओं के सहयोग से बेहतर शिक्षा देने का कार्य किया जाता है।