काशी व्यापार प्रतिनिधि मण्डल ने सरकार द्वारा जीएसटी पर और कड़ाई से नियम लागू करने पर विरोध प्रकट किया जिसके चलते उन्होंने एडिशनल कमिश्नर जीएसटी को सर्वे और छापों के विरोध में ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांगे उनके समक्ष रखीं। व्यापारी संगठन का कहना है कि व्यापरी सरकार को पूरा जीएसटी अदा कर रहा है जिसका उदाहरण अखबारों में सरकार द्वारा दिये आंकड़े हैं जिसमें जीएसटी संग्रह सरकार की अपेक्षा से ज्यादा है। व्यापारी संगठन का कहना है कि इन सर्वे छापों का कोई अवचित्त नहीं है इससे नाहक ही व्यापारीयों में डर का माहौल बना है। काशी व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने एडीशनल कमिश्नर जीएसटी के सामने चार बाते रखीं।
1. जीएसटी नम्बर जारी करने के पहले दुकान का किरायानामा, मालिकाना रिकॉर्ड, आधार व पैन कार्ड की जाँच होने के बाद ही पंजीकरण जारी किया जाता है।
अतः अब दोबारा किसी भी प्रतिष्ठान की जाँच करना अनुचित।
2. विभिन्न ऑकड़ों के अनुसार फर्जी फर्मों की संख्या पाँच प्रतिशत से भी कम है, सरकार जिसे फर्जी फर्म बता रही हैं वे सब केन्द्रीय जीएसटी में पंजीकृत है।
3. केन्द्र सरकार के जीएसटी विभाग द्वारा इन फर्जी फर्मों को पंजीकृत करने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तत्काल विभाग से बर्खास्त किया जाए क्योंकि उन्हीं अधिकारियों द्वारा फर्जी फर्मों को पंजीकृत किया गया था | अतः वहीं अधिकारी व कर्मचारी इस टैक्स चोरी के लिए जिम्मेदार हैं।
4. काशी व्यापार प्रतिनिधि मंडल सर्वे छापों का पुरजोर विरोध करेगा। अतः आप से अनुरोध है कि सर्वे छापों की कार्रवाई पर रोक लगाई जाये।
मासिक बैठक भी बंद हो गई है पुनः चालू करवाया जाये।
प्रतिनिधि मण्डल में राकेश जैन अध्यक्ष, कमल कुमार सिंह स्वर्णकार संघ जिलाध्यक्ष, सरोज सेठ सर्राफा मंडल अध्यक्ष, अखिलेश सिंह यूवा अध्यक्ष, राजकुमार शर्मा महामंत्री, घनश्याम दास, अशोक गुप्ता विशेश्वरगंज व्यापार मंडल, विनोद मिश्रा महामंत्री विश्वनाथ गली, दिनेश कुमार, लल्ली चौधरी, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, संजय विश्वकर्मा महामंत्री लहरतारा व्यापार मंडल के साथ अन्य व्यापारीगण मौजूद रहे।