शहर की झुग्गी-झोपड़ी, मलिन बस्तियों, घुमंतू परिवार पर होगा ज़ोर
जागरूकता के लिए धर्मगुरु व प्रभावशाली व्यक्तियों का लिया जाएगा सहयोग
टीकाकरण के लिए आवश्यक है मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड, साथ में जरूर लाएं
नगर में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संचालन के लिए बेहतर रणनीति की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य से गुरुवार को नियमित टीकाकरण के माइक्रोप्लान को लेकर जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन डीएलडबल्यू स्थित एक होटल में आयोजित हुई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में कार्यशाला का आयोजन डब्ल्यूएचओ के सहयोग से हुआ। कार्यशाला में नगर के सभी 29 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, स्टाफ नर्स और लैब टेकनीशियन ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला में वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ एके पाण्डेय ने कहा कि गांवों की तुलना में नगरीय इलाके में व्यवस्थित व बेहतर रणनीति बनाने की बेहद आवश्यकता है। नगर की सभी पीएचसी, वार्ड व मोहल्ला के अनुसार एएनएम का क्षेत्र तय किया जाएगा। घर-घर जाकर हेड काउंट सर्वेक्षण होगा। इसके बाद बच्चों व गर्भवती की ड्यू लिस्ट तैयार की जाएगी। टीकाकरण से छूटे बच्चे व गर्भवती ट्रैक किए जाएंगे। बुधवार व शनिवार को होने वाले नियमित टीकाकरण सत्र व छाया नगरीय स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस (यूएचएनडी) सत्रों तक बच्चों व गर्भवती को लाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं की ओर से घर-घर भ्रमण कर एवं पारस्परिक संपर्क कर सूचना दी जाएगी। हाई रिस्क वाले क्षेत्र जैसे मलिन बस्तियों, झुग्गी झोपड़ी, घुमंतू परिवार, निर्माण क्षेत्र, प्रवासियों आदि स्थलों पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा। बाल सुधार गृह, बाल मठ, विधवा गृह, मदरसा आदि स्थानों की सोशल मैपिंग कर टीकाकरण किया जाएगा।
ग्रामीण से नगर में आए क्षेत्रों का घर-घर सर्वेक्षण कर ड्यू लिस्ट तैयार की जाएगी। टीकाकरण के लिए एनडीआरएफ़, सिविल डिफेंस और डूडा का भी सहयोग लिया जाएगा। साथ ही समुदाय को जागरूक करने के लिए धर्मगुरु, प्रभावशाली व्यक्तियों, जन प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद व ब्लॉक स्तर पर स्थापित कोल्ड चेन प्वोइंट की क्रियाशीलता सुनिश्चित कर ली जाए। कोल्ड चैन प्वाइंट वैक्सीन के भंडारण तथा तापमान का प्रभारी चिकित्सा अधिकारी स्वयं निरीक्षण करें और इसकी जानकारी लॉग बुक में पंजीकृत करें। डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ कुनाल सिंह व डॉ सतरूपा ने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत ‘पाँच साल सात बार, छूटे न टीका एक भी बार’ पर विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही माइक्रोप्लान किस तरह तैयार करें, किन बिन्दुओं पर विशेष ज़ोर दिया जाए आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आउटब्रेक व प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के बारे में भी जानकारी दी। यूनीसेफ के डॉ शाहिद ने सामुदायिक संचार गतिविधियों को बेहतर बनाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने टीकाकरण सत्र पर हर एक लाभार्थी को दिये जाने वाले चार प्रमुख संदेश के बारे में चर्चा की। इसमे पहला कौन सा टीका दिया गया और वह किस बीमारी से बचाता है। दूसरा अगले टीकाकरण के लिए कब और कहाँ आना है। तीसरा मामूली प्रतिकूल प्रभाव क्या है और उन्हें कैसे दूर करें। चौथा मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड को सुरक्षित रखें और अगले टीकाकरण पर जरूर लेकर आयें।
इस अवसर पर सीनियर एमओ डॉ एके पाण्डेय, डिप्टी डीएचईआईओ कल्पना सिंह, समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारी, डब्ल्यूएचओ से डॉ कुनाल सिंह व डॉ सतरुपा, यूनिसेफ से डॉ शाहिद, एलटी एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।