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कचहरी स्थानांतरण से बेहतर विकल्प विस्तारीकरण



 11/May/23

कचहरी स्थानांतरण को लेकर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस संबंध में जब क्लाउन टाइम्स के संवाददाता ने अधिवक्ताओं से उनकी राय जाननी चाही तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कचहरी का स्थानांतरण करने से समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि कचहरी का विस्तारीकरण किया जाये। जिससे स्वतः सारी समस्याएं समाप्त हो जायेंगी। साथ ही इस मुद्दे का समाधान भी आसानी से हो सकता है, बस जरुरत है इसके लिए पहल करने की।

बार कौंसिल ऑफ इंडिया के सह चेयरमैन श्रीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश सरकार बार-बार कचहरी स्थानांतरण के मुद्दे को हवा देकर अधिवक्ताओं को आक्रोशित कर रही है। कचहरी स्थानांतरण के बजाय, यदि उसका विस्तारीकरण किया जाये तो अपने आप समस्त समस्याओं का समाधान हो जायेगा। उन्होंने कहा कि कचहरी के आसपास ही इतनी जमीनें है कि आसानी से कचहरी का विस्तारीकरण हो सकता है। उन्होंने बताया कि कचहरी परिसर से सटे ही उद्यान विभाग की जमीनें हैं, जहां कचहरी का विस्तारीकरण हो सकता है और उद्यान विभाग को अन्यत्र शिफ्ट किया सकेगा। जा सकता है। इसी तरह बनारस क्लब की जमीन, कमिश्नर आवास व कार्यालय की काफी जमीनें हैं, जहां कचहरी का विस्तारीकरण के साथ ही पार्किंग की समस्या से भी आसानी से निजात मिल जायेगा। इसके लिये प्रदेश सरकार को पहल करनी चाहिए न की कचहरी के स्थानांतरण के लिए प्रयास हो।

उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के पूर्व चेयरमैन व वर्तमान सदस्य हरिशंकर सिंह ने कहा कि कचहरी का स्थानांतरण किसी भी कीमत पर अधिवक्ता नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कचहरी के स्थानांतरण के बजाय जो कचहरी परिसर के आसपास की जमीनें हैं, वहां कचहरी का विस्तारीकरण करें। इससे कचहरी स्थानांतरण की समस्या का सदैव के लिए समाधान हो जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जिला जेल को अन्यत्र स्थानांतरित करके कचहरी को वहां स्थानांतरित कर दें। इससे शहर के बीचोबीच कचहरी होने से वकीलों के साथ ही आम वादकारियों को भी सहूलियत होगी और दूरदराज से आने वाले वादकारी साधन के आभाव में काफी दूर कचहरी स्थानांतरित होने से वहां पहुंचने की समस्या से बच जायेंगे। इसके साथ ही एलटी कॉलेज, अर्दली बाजार में भी काफी जमीनें हैं, वहां भी कचहरी का स्थानांतरण किया जा सकता है। स्थानांतरण होने से सबसे अधिक समस्या युवा अधिवक्ताओं व महिला अधिवक्ताओं को होगी।

युवा अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि कचहरी का स्थानांतरण होने से सबसे अधिक समस्या युवा अधिवक्ताओं व महिला अधिवक्ताओं को होगी। दूरदराज के क्षेत्र में कचहरी स्थानांतरित होने से महिला अधिवक्ता व वादकारी शाम को लौटते समय किसी अनहोनी की आशंका से हमेशा ग्रसित रहेंगे। साथ ही गंभीर मामलों के गवाहों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होंगे। इसके साथ ही कचहरी का विस्तारीकरण यदि आसपास के भूखंडों जैसे उद्यान विभाग की जमीन, बनारस क्लब, कमिश्नर आवास व कार्यालय की जमीनों पर होता है तो इससे अधिवक्ताओं व वादकारियों को काफी सहलियत हो जायेगी। इसके साथ ही कचहरी परिसर के लिए मल्टीस्टोरेज पार्किंग भी बन सकते हैं, जिससे वाहनों की पार्किंग की समस्या से निजात मिल जायेगा।

पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि शासन शहर के जो लोग सक्षम हैं, वह कहीं भी बाहर जा सकते हैं। ऐसे में यदि शासन-प्रशासन बनारस क्लव की जमीन को अधिग्रहीत कर वहां पर कचहरी का विस्तारीकरण करें तो वह सबसे उपयुक्त होगा। बनारस क्लब जिन लोगों के लिए है, वह लोग काफी सक्षम हैं और वह कभी अन्यत्र भी अपना क्लब बनाकर वहां अपनी व्यवस्थाएं कर सकते हैं। जबकि अधिवक्ताओं के लिए अन्य जगह स्थानांतरित होकर जाना काफी कष्टकारी होगा। साथ ही सुरक्षा के लिहाज से भी यह काफी परेशानियों वाला होगा। ऐसे में बनारस क्लब, उद्यान विभाग की जमीन, जिला जेल की जमीन एलटी कॉलेज की जमीन के साथ ही कमिश्नर आवास व कार्यालय की जमीनों पर कचहरी का विस्तारीकरण काफी सुविधाजनक व उपयोगी रहेगा। सरकार व जिला प्रशासन को इस ओर विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए।


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