वाराणसी। कचहरी स्थानांतरण मुद्दे पर सोमवार को अदालत खुलते ही आक्रोषित वकीलों ने चक्रमण कर नारेबाजी कर विरोध जताया और पूरे दिन न्यायिक कार्य से विरत रहे, अपरान्ह 3 बजे बनारस बार के सभागार में सेंट्रल व बनारस बार एसोसिएशन के आम सदस्यों की बैठक हुई जिसमे सरकार के कचहरी स्थानंतरण के प्रयासों की निंदा की गई दम भरा गया किसी भी हाल में कचहरी का स्थानंतरण नहीं होने दिया जायेगा और हर हाल में कचहरी यही रहेगी, इस बाबत प्रधानमंत्री, हाईकोर्ट और मुख्यमंत्री को आम वकीलों की इस समय से अवगत कराने के लिए पत्र भेजने का निर्णय लिया गया है। साथ ही मंगलवार को भी हड़ताल रहेगी सुबह साढ़े11 बजे बैठक में आगे का निर्णय लिया जायेगा। कचहरी स्थानांतरण के प्रयास की जानकारी वकीलों को मिली तब वह आक्रोशित हो गए, इस मुद्दे पर सेंट्रल और बनारस बार के अध्यक्ष महामंत्री जिला जज से मिले फिर प्रशाशनिक न्यायमूर्ति से वार्ता कर स्थिति जाननी चाही, तब अनभिज्ञता जताई गई, डीएम ने भी ऐसी किसी जानकारी से इंकार किया। इस संबंध में बृजेश मिश्र आदि वकीलों ने बार में प्रस्ताव दिया और 23 मार्च 2023 के नेट पर चल रहे संदहा में कचहरी में भूमि अधिग्रहण व निर्माण के लिए लगभग एक हजार करोड़ का जिक्र किया गया जिसमे 700 करोड़ अधिग्रहण के लिए बताया गया है।
बैठक में सेंट्रल बार अध्यक्ष प्रभु नारायण पाण्डेय ने जानकारी दी कि इस मुद्दे पर वाराणसी के प्रशासनिक न्यायमूर्ति, जिला जज से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में पूरी तरह से इंकार किया और स्थानांतरण के मुद्दे पर अधिवक्ताओं का राय जानना चाहा तो उन्होंने कहा की यहीं पर कमिश्नरी आवास व कार्यालय, उधान विभाग, बनारस क्लब व एलटी कालेज की बहुत बड़ी जमीन होने की बात कही। वही इस मुद्दे पर जिलाधिकारी से बातचीत की गई तो उन्होंने भी कचहरी स्थानांतरण के बात से अनभिज्ञता जताई।
बनारस बार के हंगामेदार बैठक की अध्यक्षता बनारस बार अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह व संचालन महामंत्री प्रदीप राय ने किया। बैठक में प्रदेश बार कौंसिल सदस्य विनोद कुमार पाण्डेय, सेंट्रल बार अध्यक्ष प्रभूनाथ पाण्डेय, सेंट्रल बार महामंत्री शशिकांत दूबे, अशोक सिंह प्रिंस, मुरलीधर सिंह, धीरेंद्र नाथ शर्मा, नित्यानंद राय, अवधेश सिंह, कमलेश सिंह कमलू समेत कई अधिवक्तागण मौजूद रहे।