ऑपरेशन “नन्हें फरिश्ते” के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह अप्रैल से मार्च तक कुल 250 बच्चो को बचाया गया
रेलवे स्टेशनों एवं परिसर में खोये हुए बच्चों को ढूंढकर उनको सकुशल उनके परिजनों एवं अभिभावकों को सौंपने की दिशा में निरंतर सक्रिय रहते हुए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के रेलवे सुरक्षा बल द्वारा अथक प्रयास किये जाते हैं एवं इस कार्य के उचित संपादन हेतु अनेक प्रकार के अभियान एवं गतिविधियों को एक सुनियोजित नीति के तहत संचालित किया जाता है I मंडल का रेलवे सुरक्षा बल रेल यात्रियों को सुविधा और सुरक्षायुक्त यात्रा उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत रहता है। भारतीय रेल के सुरक्षा प्रहरी के रूप में कार्यरत “रेलवे सुरक्षा बल” के समर्पण को तीन शब्दों- सुरक्षा, सतर्कता, सेवा के रूप में बताया जा सकता है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) रेल संपत्ति, यात्रियों और उससे संबंधित मामलों की सुरक्षा के दायित्व का निर्वहन करती है। उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल में रेल सुरक्षा बल के द्वारा कड़ाई से काम करते हुए मानवीय पहलुओं का पूरा ध्यान रखा जाता है। रेल सुरक्षा बल की उपलब्धियों के अंतर्गत अपने दायित्वों के निर्वहन के क्रम में जरूरतमंद यात्रियों को सहायता प्रदान करने के साथ-साथ देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाली महिलाओं और बच्चों का बचाव का कार्य भी भली-भांति किया जा रहा है।"मेन इन यूनिफॉर्म" होने के नाते रेल सुरक्षा बल कर्मी अन्य लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते हैं | *उल्लखेनीय है कि ऑपरेशन “नन्हें फरिश्ते” के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह अप्रैल से मार्च तक मंडल के विभिन्न स्टेशनों एवं गाड़ियों में संदिग्ध/अकेले मिले 250 बच्चों (131 लड़के एवं 119 लड़की), 247 बच्चो को चाइल्ड लाइन को एवं 03 को राजकीय रेलवे पुलिस को सुरक्षित रूप से सुपुर्द किया गया। इसीक्रम में दिनांक 25.04.2023 को ऑन ड्यूटी रेल सुरक्षा बल को वाराणसी स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या-02 पर ओल्ड FOB के नीचे से दो बच्चियाँ 01. निशा (काल्पनिक नाम ) पुत्री मुंशी राज उम्र 17 वर्ष निवासी जिला उन्नाव उ0प्र0 02. पूजा (काल्पनिक नाम ) पुत्री इंदल राजवंशी उम्र 16 वर्ष निवासी जिला कानपुर नगर उ0प्र0, घूमते हुए मिली, बाद उक्त बच्चियों को अग्रिम कार्यवाही हेतु गुड़िया रेलवे चाइल्ड लाइन वाराणसी के कार्यकर्ता को नियमानुसार सुपुर्द किया गया|