हुआ एकांकी का मंचन
वाराणसी ,आज मंगलवार, वैशाख शुक्ल पञ्चमी तदनुसार दिनांक 25 अप्रैल 2023 को सायं 5 बजे से ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज की कृपा व प्रेरणा से जगद्गुरुकुलम् के छात्रों व शंकराचार्य भक्त परिवार द्वारा केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ में भगवत्पाद आद्य शङ्कराचार्य जयन्ती उत्सव के रूप मे मनाया गया।
शंकराचार्य जयंती का प्रारम्भ वैदिक मंगलाचरण व पौराणिक मंगलाचरण द्वारा प्रारंभ हुआ।जिसके अनन्तर आद्य भगवत्पाद शंकराचार्य के विग्रह पर पुष्प अर्पण किया गया।अतिथियों का स्वागत आर्यन सुमन पाण्डेय ने किया। जिसके अनन्तर वैदिक छात्र पुष्कर मिश्रा द्वारा आद्य शंकराचार्य भगवान के जीवनी पर प्रकाश डाला गया। शंकराचार्य जयंती उत्सव का आयोजन साध्वी पूर्णाम्बा दीदी जी के अध्यक्षता में आयोजित हुआ।
उक्त जानकारी देते हुए पूज्य शंकराचार्य जी महाराज के प्रेस प्रभारी सजंय पाण्डेय ने बताया कि आज आद्य भगवत्पाद 2530 वें जयंती पर आद्य शंकराचार्य के जीवनी पर आधारित एकांकी को अभिनव व्यास,रजनीश दुबे,त्रियुग तिवारी,आदर्श पाठक,हरेकृष्ण मिश्रा,देवेंद्र दुबे,विष्णु भारद्वाज व विकास तिवारी आदि वैदिक छात्रों ने प्रस्तुत किया।जिसमें आद्य शंकराचार्य व चंडाल से सम्बंधित नाटिका का भी प्रस्तुत किया गया।इस बार ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज जब काशी आये थे तब उन्होंने बताया था कि श्रीविद्यामठ के बगल में स्थित गली में ही आद्य शंकराचार्य जी महाराज से चंडाल के रूप में भगवान शिव मीले थे।
शंकराचार्य जयंती उत्सव में विष्णु पाण्डेय व कुलदीप पाण्डेय ने आद्य भगवत्पाद शंकराचार्य का चित्र रेखांकित किया जिसके लिए उन्हें जगद्गुरु कुलम के वैदिक आचार्य ओमप्रकाश पाण्डेय जी ने पुरष्कृत किया।डॉ मञ्जरी पाण्डेय जी ने शिव पंचाक्षर स्त्रोत प्रस्तुत किया।
जयंती उत्सव का समापन आद्य भगवत्पाद शंकराचार्य भगवान के आरती पूजन के साथ हुआ।
जयंती उत्सव में साध्वी पूर्णाम्बा दीदी जी,परमेश्वर दत्त शुक्ल,रौशन प्रेमयोगी,सावित्री पाण्डेय,लता पाण्डेय आदि लोगो ने अपना उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कहा कि आद्य भगवत्पाद शंकराचार्य भगवान ने संक्रमण के काल से गुजर रहे सनातनधर्म को पुनः प्रतिष्ठित किया,अद्वैत सिद्धांत का प्रतिपादन किया व सनातनधर्म के उत्थान व रक्षा हेतु राष्ट्र के चारो दिशाओं में चार मठों का स्थापना किया।
समस्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वश्री:-साध्वी पूर्णाम्बा दीदी जी,साध्वी शारदम्बा दीदी जी,शंकराचार्य जी के प्रेस प्रभारी सजंय पाण्डेय, हजारी कीर्ति शुक्ला,पं बसंत राय,हजारी सौरभ शुक्ला,सुनील शुक्ला,सतीश अग्रहरी,अभय शंकर तिवारी,किशन जायसवाल,अजय सिंह,रामचन्द्र सिंह,विवेक पाण्डेय,प्रदीप पाण्डेय,विवेक भूषण तिवारी,सत्य प्रकाश श्रीवास्तव,चांदनी चौबे,गुड़िया पाण्डेय,विपिन मिश्रा,हरि प्रकाश पाण्डेय,ममता मिश्रा आदि लोग सम्मलित रहे।