कोल्डस्टोरेज/कोल्डरूम जिनमें अण्डे संरक्षित किये जा रहे हो उनका पता, संरक्षित अण्डों की मात्रा आदि विवरण डाटा बेस तैयार किये जाने हेतु प्राप्त किया जाय
वाराणसी। जिलाधिकारी एस.राजलिंगम ने बताया कि उ.प्र. सरकार द्वारा प्रख्यापित उ.प्र. कुक्कुट विकास नीति-2013 अन्तर्गत काफी संख्या में पोल्ट्री फार्म स्थापित किये गये हैं। इसके अतिरिक्त निजी स्रोतों से भी प्रदेश में कुक्कुट फार्म संचालित हैं। साथ ही अन्य प्रदेशों से भी अण्डों का आयात हो रहा है। लम्बी दूरी तक बन्द वाहन में परिवहन से अण्डों की गुणवत्ता खराब हो जाती है। बन्द वाहन में परिवहन करते समय अण्डों से नमी निकलकर अर्द्रतापूर्ण वातावरण निर्मित होने के कारण अण्डों के ऊपर प्राकृतिक सुरक्षा कवच जिसे ब्लूम कहते हैं, नष्ट हो जाता है ऐसी दशा में अण्डों पर विभिन्न बैक्टीरिया जैसे Salmonella, E-Coli, Pseudomonas on Aspergillus, Alternaria, Mucor, Pusarium जैसे फंगस का इन्फेक्शन के होने का खतरा बना रहता है। परिवहन के दौरान खराब हुए अण्डों से मनुष्यों में विभिन्न बैक्टीरियल इन्फेक्शन के अतिरिक्त Aflotoxicosis होती है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त हानिकारक है।
उन्होंने जनसामान्य को गुणवत्ता युक्त अण्डे उपलब्ध कराने तथा जनस्वास्थ्य एवं कुक्कुट विकास के दृष्टिगत खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम ब्यूरो ऑफ इण्डियन स्टैण्डर्ड तथा उ०प्र० कोल्डस्टोरेज विनियमन अधिनियम के नियमों का पालन सुनिश्चित किये जाने पर जोर दिया है। जिलाधिकारी ने जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, जिला उद्यान अधिकारी एवं क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया है कि बाहर के राज्यों से आने वाले एवं अन्य राज्यों को जाने वाले अण्डों का परिवहन रेफ्रीजेरेटेड वाहन (शीतित यान) से ही किया जाय। ब्यूरो ऑफ इण्डियन स्टैण्डर्ड (BIS) के मानक के अनुसार रफ्रीजेरेटेड वाहन (शीतित यान) का तापमान 10-15.5°C के मध्य होना चाहिए। रेफ्रीजेरेटेड वाहन में जी.पी.एस. और डाटा लॉगर डिवाइस लगा होना अनिवार्य होगा। 150 कि०मी० से अधिक दूरी लिए अण्डों का परिवहन रेफ्रीजेरेटेड वाहन (शीतित यान) में 10-15.5°C के मध्य किया जायेगा तथा वाहन में जी०पी०एस० और डाटा लॉगर डिवाइस लगा होना अनिवार्य होगा। प्रत्येक गाड़ी के साथ अण्डा ट्रेडर/किसान द्वारा निर्गत इनवायस/कैश मेमो, पक्का बिल लाना अनिवार्य होगा। साथ ही क्रेता/ट्रेडर्स का गंतव्य स्थान दूरी एवं पूरा पता मोबाइल नम्बर सहित कण्टेनर नम्बर के साथ बिल पर अंकन किया जायेगा। बाहर के राज्य से अण्डे मंगाने वाले प्रत्येक ट्रेडर/डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा बिल की छायाप्रति ईमेल/डिजिटल माध्यम द्वारा या भौतिक रूप से अपर निदेशक/संयुक्त निदेशक, कुक्कुट, पशुपालन निदेशालय (ईमेल- uppoultrypolicy2013@yahoo-com) में उपलब्ध कराया जायेगा, जिससे सांख्यिकी सूचना हेतु डाटाबेस तैयार किया जा सके। बाहर के राज्यों से आने वाले अण्डों एवं जनपद में उत्पादित अण्डों की ट्रे पर स्टीकर चस्पा किया जायेगा, जिसमें उत्पादन दिनांक, स्थान, पिनकोड के साथ अंकित होगा। उक्त के साथ-साथ अण्डों के बाक्स पर भी उक्त स्टीकर चस्पा किया जाय। अण्डों का परिक्षण खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 में विद्यमान व्यवस्थानुसार/कोल्डस्टोरेज/कोल्डरूम में परिरक्षित किये जाने वाले अण्डों पर अमिट स्याही से उत्पादन तिथि एवं उत्पादन स्थान अंकित किया जायेगा। कोल्डस्टोरेज/कोल्डरूम से विक्रय हेतु अण्डे निकालने के उपरान्त विक्रेता अण्डों पर "शीत गृह में परिरक्षित" शब्द एवं निकासी का दिनांक तथा उपभोग की अवधि अधिकतम 13 दिन अंकित करेगा या इस आशय का स्टीकर प्रत्येक अण्डे पर चस्पा करेगा। प्रदेश के बाहर से आने वाले कोल्डस्टारेज में परिरक्षित अण्डों पर भी उपरोक्त प्रतिबन्ध लागू होगें। एक बार कोल्ड स्टोरेज/कोल्ड रूम में संरक्षित अण्डों को बाहर निकालने के पश्चात पुनः कोल्डस्टोरेज/कोल्ड रूम में नही रखा जायेगा। उ.प्र. कोल्डस्टोरेज विनियमन अधिनियम 1976 में प्राविधान है कि "लाइसेन्सघारी कोई ऐसा उत्पाद कोल्डस्टोरेज में स्टोर नहीं करेगा, जो कृषि उत्पादों से विपरीत अथवा गंधविरोधी हो। विपरीत गंध वाले उत्पाद, कोल्डस्टोरेज के पृथक कक्षों में स्टोर किये जायेगे। उक्त प्राविधानों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। कोल्डस्टोरेज/कोल्डरूम में अण्डों का भण्डारण अलग चैम्बर में किया जायेगा। अण्डों का भण्डारण 4-7 डिग्री सेन्टीग्रेड तापमान एवं 75-80 प्रतिशत सापेक्षिक आर्द्रता के साथ किया जायेगा। जिसकी अधिकतम सीमा तीन महीने है। ऐसे कोल्डस्टोरेज/कोल्डरूम जिनमें अण्डे संरक्षित किये जा रहे हो उनका पता, संरक्षित अण्डों की मात्रा आदि विवरण डाटा बेस तैयार किये जाने हेतु प्राप्त किया जाय। यह दिशा-निर्देश 15 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होंगे।