MENU

बरेका में धूमधाम से मनायी गयी बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर की 132वीं जयंती



 15/Apr/23

बनारस रेल इंजन कारखाना में आज दिनांक 15 अप्रैल को भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती बड़े ही धूमधाम से उत्सव के रूप में मनाया गया सर्वप्रथम प्राविधिक प्रशिक्षण केंद्र के ऑडीटोरीयम में महाप्रबंधक बासुदेव पांडा एवं प्रमुख विभागाध्यक्ष गण द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबा साहेब के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी गईतत्पश्चात काफी संख्या में बरेका के अन्‍य अधिकारीयों  कर्मचारियों द्वारा भी श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि बरेका महाप्रबंधक बासुदेव पांडा ने अपने उद्बोधन में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सामाजिक योगदान, दलितों के उत्‍थान में किये गये संघर्षों का उल्लेख किया। साथ ही, नारी शिक्षा के प्रणेता के रुप में उनके जीवन पर प्रकाश भी डाला। उन्होंने संविधान के प्रमुख शिल्पी बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के जीवन उनके द्वारा किए गए योगदान को साझा करते हुये बताया कि हमारे संविधान को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी वो न केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के पीड़ितों की आवाज़ बनें उन्होने हर वर्ग के लोगोको शिक्षित बनने, हक के लिए लड़ने और जीवन में उच्च आदर्श का पालन करने की प्रेरणा दीमहाप्रबंधक ने उनकी जीवन स्मृतियों को याद किया एवं सभी को उनके आदर्शों का अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया

भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी रणविजय ने उनके जीवन तथा विचारों से शिक्षा ग्रहण करके उनके मूल्यों एवं आदर्शों को अपने आचरण में अपनाने के लिए उपस्थित श्रोताओं को प्रोत्साहित किया

तत्पश्चात बरेका अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय आनंद, ओबीसी एसोसिएशन के रामनारायण द्वारा बाबा साहेब के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित कर उनके व्यक्तित्व पर अपना-अपना विचार भी प्रस्‍तुत किया कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों, कर्मचारी परिषद के सदस्य, कल्याण एवं कार्मिक विभाग के कर्मचारीयों ने बाबा साहेब को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन सहायक कार्मिक अधिकारी पियूष मिंज एवं कार्यक्रम का सुरूचिपूर्ण संचालन अमलेश श्रीवास्‍तव द्वारा किया गया।

 


इस खबर को शेयर करें

Leave a Comment

2858


सबरंग