आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय, डोमरी, रामनगर वाराणसी में बुधवार को मैनेजमेंट की दूरदर्शिता का ही प्रभाव है कि नई शिक्षा नीति के अनुसार "मैनेजमेंट और प्रोफेशनल एंड लाइफ स्किल्स सर्टिफिकेट कोर्स" को डिग्री के साथ जोड़कर छात्राओं को रोजगार के लायक बनाए जाने की शुरुआत कर रहा है।
आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय, डोमरी, रामनगर ने ऐडटेक कंपनी यंग स्किल्ड इंडिया के लिए एक एमओयू साइन किया है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विजय शंकर मिश्र ने बताया कि यह 90% प्रैक्टिकल, केस स्टडी बेस्ड,उच्च गुणवत्ता युक्त किफायती और उन्नत तकनीकी से युक्त सजीव ऑनलाइन कक्षाएं है। जिन्हें मैनेजमेंट प्रोफेसर और इंडस्ट्री विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाया जाएगा। जिनमें सेल्स, मार्केटिंग, एचआर, फाइनेंस इत्यादि में महिलाओं और युवाओं को रोजगार देने के लिए स्पेशलाइजेशन है। प्रोफेशनल एंड लाइफ स्किल्स सर्टिफिकेट कोर्स जिनमें इंग्लिश कम्युनिकेशन, प्रेजेंटेशन स्किल्स, सेल्फ कॉन्फिडेंस, प्रॉब्लम सॉल्विंग, डिसीजन मेकिंग, जॉब इंटरव्यू स्किल्स, एनालिटिकल स्किल्स, इत्यादि चीजें सिखाई जाएंगी। इन स्किल्स के कारण उन्हें कोर्स के तुरंत बाद नौकरी प्राप्त करने या आवेदन करने में मदद मिलेगी। यह नई पीढ़ी का निर्माण करेगी जो रोजगार के लिए बहुत जरूरी तेजी और जरूरी मानसिकता के साथ तैयार रहेगी। यह कोर्स अत्यधिक सस्ता और किफायती है। कोर्स की अवधि 6 माह की होगी।
अचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय, रामनगर, एडटेक कंपनी यंग स्किल्ड इंडिया के प्रोग्राम "मैनेजमेंट सर्टिफिकेट कोर्स" को अपने सभी विभागों में आगे बढ़ाने का प्रयास वर्कशॉप /वेबीनार /सोशल मीडिया कैंपेनिंग द्वारा राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए करेगा। यंग स्किल्ड इंडिया के संस्थापक और सी.ई.औ नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि "प्रबंधन कौशल" सीखने के बाद युवाओं और महिलाओं में नए आत्मविश्वास का संचार होगा और वह स्वयं को रोजगार पाने और स्टार्टअप के माध्यम से दूसरों को रोजगार देने में सहायता कर पाएंगे। इस कोर्स को स्नातक और परास्नातक कोर्स में जोड़ने से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ जाएगी और एनएएसी(NAAC) और यूजीसी की अपेक्षा के अनुसार 75% युवाओं को रोजगार के लिए तैयार किया जा सकता है।
यंग स्किल्ड इंडिया के संस्थापक और सी.ई.औ नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि वैश्विक बेरोजगारी के पीछे मूल कारण उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं और महिलाओं के बीच उनकी नियमित डिग्री के अलावा "प्रबंधन कौशल" की कमी है, यह एक बुनियादी आवश्यकता है जो सभी नौकरियों के लिए अनिवार्य है। स्टार्टअप या छोटे व्यवसायों को शुरू करने और उनकी सफलता के लिए जरूरी मैनेजमेंट की शिक्षा भारत समेत पूरे विश्व में बहुत महंगी है, इस कारण यह अधिकतर लोगों के लिए कठिन हो जाता है।अनेक कंपनियां उन्ही स्नातक और परास्नातक को नौकरी आफर करना पसंद करते हैं। जो "मैनेजमेंट स्किल्स" में पारंगत हैं क्योंकि यह उनकी व्यावसायिक जरूरतों के लिए फायदेमंद होता है। मैनेजमेंट स्किल्स की आवश्यकता हर कहीं होती है। यह वास्तव में व्यवसाय के हित में सुधार लाता है और देश के आर्थिक विकास में मानव पूंजी का योगदान देता है। सेमिनार में महाविद्यालय के उप प्रबंधक मुकुल पांडेय, प्राचार्य डॉ. विजय शंकर मिश्र, बाल विद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, डुमरी की प्रधानाचार्या नीता त्रिपाठी तथा सभी शिक्षक शिक्षिकाएं व महाविद्यालय की छात्राएं उपस्थित रहे।