वाराणसी। हिन्दू बुनकर वाहिनी के पदाधिकारियों का गठन बुधवार को काटन मील स्थित रामेश्वर प्रासाद गुप्ता (मम्मू साव जी) के आवास पर किया गया, जिसमे जिलाध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता, महासचिव अनिल मुंद्रा, सचिव संजय प्रधान और सोशल मीडिया प्रभारी प्रमोद कुमार मौर्य को नियुक्त किया गया। साथ ही एक बैठक भी की गयी, जिसमे नये फ्लैट रेट विद्युत शासनादेश पर चर्चा किया गया, उसके उपरान्त सभी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मंजूरी दी गयी बुनकरों की नई विद्युत प्रतिपूर्ति योजना से बुनकरो मे असंतोष है, इस योजना से बुनकरों का विद्युत विभाग एवं हथखरगा विभाग द्वारा शोषण एवं उत्पीड़न किया जायेगा। साथ ही बुनकर विद्युत विभाग का बकायेदार हो जायेगा। यह योजना बुनकर विरोधी है, इससे पावरलूम उद्योग पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। फ्लैट रेट की जो दर निर्धारित की गयी है वह बहुत अधिक है, बुनकर उसको जमा नहीं कर पायेगा, साथ ही 5 किलोवाट से ऊपर की दी जाने वाली छूट भी बहुत कम है। वर्ष 2019 में जारी शासनादेश के अनुसार 75 किलोवाट तक सभी को 240 यूनिट 3.50 रु0 की दर से प्रतिहार्स पावर यानि 840 /- रु० प्रतिहार्स पावर प्रतिमाह छूट देने का प्राविधान था, जिस पर पूरे प्रदेश के बुनकरों ने विरोध किया था। हम बुनकर 2019 के शासनादेश के द्वारा दी जा रही 840 /- रु० प्रतिहार्स पावर छूट को बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन भी दिया इससे बेहतर योजना बुनकारों के लिए बनाई जाएगी, परन्तु यहां तो अब नई योजना में 700/- रु० प्रतिहार्स पावर प्रतिमाह वह भी मात्र 9100/- रु० अधिकतम कर दिया गया है, यह कहां का इंसाफ है, इससे तो बुनकर अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। 2006 में बुनकरों को फ्लैट रेट किसानों की भांति दिया गया था, आज जबकि किसानों सिंचाई की बिजली फ्री कर दी गयी है तो ऐसे में बुनकरों को फ्लैट रेट शासनादेश 2006 को यथावत् आगे जारी रखा जाना चाहिए। यदि रेट बढ़ाना ही जरुरी है तो मुनासिब रेट बढ़ाया जाए जिसको बुनकर आसानी से जमा कर सके।
जिलाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद गुप्ता (मम्मू जी) ने कहा कि सरकार बुनकरों की मांग पर सहानुभूति पूर्वक बिचार करे, नही तो पुनः एक बड़ा आन्दोलन बुनकर करने के लिए बाध्य होगें।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से राजकुमार साहू, संजय प्रधान, राकेश कान्त राय, ज्वाला सिंह, शैलेश सिंह, मनीष काबरा, संजय मौर्य, विनोद मौर्या, लालबहाडुर मौर्या, योगेश दुबे, प्रशांत कुशवाहा, भरत लाल पटेल मास्टर आदि सहित अन्य हिंदू बुनकर उपस्थित रहे।