बिकॉज दे हेड ऐ वौइस् नामक नाटक का किया सफल मंचन
इतिहास गवाह है कि जिनके अंदर गलत को गलत कहने की क्षमता थी इतिहास उन्होंने ही बदला हैं। और इस बदलाव की बयार को इतिहास के गलियारे से वर्तमान तक ले आया है सनबीम भगवानपुर के 110 बच्चों का अथक प्रयास। ऐतिहासिक मंदिर गुरूधाम में दो दिन इस नाटक का मंचन हुआ। इतिहास सबक देता है, इतिहास सोचने पर मजबूर करता है, इसी सोच और सबक को ऐतिहासिक पात्रों के जरिए मंच पर उतारा है प्रसिद्ध निर्देशक, नाटककार, लेखक ‘‘श्रीमान् प्रणव मुखर्जी’’ ने। ऐसा लगता है मानो 110 बच्चों ने उनके निर्देशन में ऐतिहासिक पात्रों को आवाज दी है और उन्हें जिन्दा कर दिया है।
आज वर्तमानपरस्तिथियो में संत तुकाराम की 415वीं जयंती पर राजा जयनारायण घोषाल की 271वीं वर्षगांठ पर मिर्जा गालिब की 226वीं वर्षगांठ पर अमृता शेरगिल की 110वीं सालगिरह पर और सकदर हाशमी की 69वीं वर्षगांठ पर उनकी शिक्षाओं और योगदान को याद करते हुए इस नाट्यमंचन के द्वारा भविष्य की चिंताकोव्यक्त किया है। आज चिंताओं और असहजताओं का दौर है रास्ते अधूरे से हैं। दो विश्वयुद्धों का दौर दुनिया देख चुकी है अभी भी युद्ध और हिंसा के दौर से मानवता गुजर रही है। ऐसे में इतिहास के धुंधुला गए पन्नों ने मानों आवाज दी है यही आवाज गूँजी है गुरूधाम में। इस नाटक के मंच को आभा देने के लिए श्रीलंका कीजाकना युनिवर्सटी के सीनियर लैक्चरर पीण् अहिलान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
सनबीम ग्रुप के अध्यक्ष डा. दीपक मधोक निदेशिका श्रीमती भारती मधोक सह निदेशिका श्रीमती प्रतिमा गुप्ता और मानद निदेशक हर्ष मधोक ने कहा की इन प्रतिभाशाली बच्चों ने इस कार्यक्रम के जरिए बनारस की संस्कृति को और समृद्ध करने में अपना योगदान दिया है।