सन् 1963 में स्वर्ण नियंत्रण कानून लागू होने के पश्चात संपूर्ण देश के स्वर्ण कारीगरों व छोटे एवं मध्यम वर्ग के व्यापारियों के हितों के लिए कार्य कर रही अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ (3545) के राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक रविवार को लक्सा स्थित मारवाड़ी युवक संघ भवन के सभागार में उत्तर प्रदेश स्वर्णकार संघ (1363) के आतिथ्य में आयोजित की गई। कार्यसमिति की बैठक में वक्ताओं ने एक सिरे से एचयूआरडी के नियमों को अस्वीकार कर दिया। वक्ताओं ने कहा कि एचयूआईडी से लाखों कारोबारियों का कारोबार खत्म हो जाएगा और इसमें मल्टीनेशनल कंपनियां ही बड़े-बड़े शोरूम खोल कर व्यवसाय कर सकेंगे। एचयूआईडी लागू होने से मध्यम वर्ग के व्यापारियों का जांच के नाम पर उत्पीड़न शुरू हो जाएगा। सोने की शुद्धता के नाम पर परेशान किया जाएगा। इस नए नियमों से छोटे दुकानदार और कारीगरों का धंधा खत्म हो जाएगा। इसीलिए वक्ताओं ने कहा कि सरकार इस प्रावधान में सरलीकरण लाए नहीं तो सभी कारोबारी विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर जाएंगे। वक्ताओं ने कहा कि स्वर्ण कारीगरों एवं मध्यम वर्ग के व्यापारियों के हितों के लिए कुछ प्रदेशों में स्वर्ण कला बोर्ड का गठन किया गया है। वक्ताओं ने केंद्र एवं प्रदेश सरकार से मांग की कि उत्तर प्रदेश समेत बाकी सभी प्रदेशों में भी स्वर्ण कला बोर्ड का गठन होना चाहिए।
साथ ही वक्ताओं ने कहा कि धारा 411 और 412 में भी केंद्र सरकार को संशोधन करना चाहिए। ज्ञात हो कि इस प्रावधान के अंतर्गत सुनार पुराने जेवर या सोना खरीदता है, और बाद में पता चलता है कि जिन्होंने बेचा वह चोरी का था। दुकानदार उसके प्रतिफल में उसकी कीमत भी देता है तथा चोर भी बनता है। ऐसी स्थिति में इसके प्रावधान में भी संशोधन होना चाहिए। हमारी आवाज को निचले सदन से उच्च सदन में उठाने के लिए भी तथा शासन व प्रशासन में भी हमारी भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। जो सरकार हमारे हितों की रक्षा करेगी उसे ही स्वर्णकार समाज का वोट जाएगा।
दो सत्रों में संपन्न हुए कार्यक्रम के प्रारंभ में राष्ट्रीय अध्यक्ष बहादुर सिंह वर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष सजन लावट, राष्ट्रीय महासचिव रवि वर्मा, संरक्षक सुरेश प्रसाद साह, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सतपाल सिंह वर्मा, उत्तराखंड विधायक प्रीतम सिंह पवार, पिछड़ा वर्ग आयोग उत्तराखंड के सदस्य अशोक कुमार वर्मा, स्वागताध्यक्ष दयाशंकर सेठ एवं कमलेश चंद्र वर्मा तथा प्रदेश अध्यक्ष रवि सर्राफ ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मंगलाचरण पाठ के पश्चात् प्रदेश अध्यक्ष रवि सर्राफ ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बहादुर सिंह वर्मा को ध्वज सौंपा तत्पश्चात अभ्यागतों का अंगवस्त्रम, माल्यार्पण तथा स्मृति चिन्ह एवं परिचय-पत्र देकर उनका सम्मान किया। प्रदेश अध्यक्ष रवि सर्राफ ने स्वागत भाषण दिया।
कार्यसमिति बैठक में 20 प्रदेशों के मुखिया ने अपने-अपने प्रदेश की प्रगति रिपोर्ट का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। कार्यसमिति की बैठक के दौरान स्वर्णकार संघ को गतिमान बनाने के लिए भी विभिन्न प्रस्ताव पास किए गए। बैठक में कई प्रदेशों के चुनाव की भी घोषणा की गई। बैठक का संचालन प्रदेश महामंत्री राहुल वर्मा तथा प्रदेश अध्यक्ष रवि सर्राफ ने किया।
द्वितीय सत्र के समापन पर बैठक में सभी 150 प्रतिभागियों का स्मृति चिन्ह व पटका देकर सम्मान किया गया। इस बैठक में मुख्य रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष बहादुर सिंह वर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष सजन लावट, महासचिव रवि वर्मा, संरक्षक सुरेश प्रसाद साह, कोषाध्यक्ष सतपाल सिंह वर्मा, विधायक प्रीतम सिंह पवार, पिछड़ा वर्ग आयोग उत्तराखंड के सदस्य अशोक कुमार वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष रवि सर्राफ, स्वागताध्यक्ष दयाशंकर सेठ और कमलेश चंद्र वर्मा, प्रभुशंकर सेठ, प्रदेश महासचिव राहुल वर्मा, प्रदेश कोषाध्यक्ष सत्यशील सिंह टनमन, जिला अध्यक्ष कमल कुमार सिंह, महामंत्री किशोर कुमार सेठ, अनिल सर्राफ, कृष्ण कुमार सेठ, श्याम सुंदर सिंह, विनोद कुमार सेठ, रविशंकर सिंह, श्याम कुमार सर्राफ, दुर्गा प्रसाद सेठ एडवोकेट, गिरीश चंद्र वर्मा, राजेश सोनी, अभिषेक सिंह मित्तू आदि सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
अन्य प्रदेश अध्यक्षों में यशपाल सिंह चौहान (पंजाब), विश्वनाथ कोहली (उत्तराखंड), जोगिंदर सिंह वर्मा (हरियाणा), दुर्गा जौहरी (झारखंड), पप्पू ठाकुर (बिहार), सी राघवाचार्य (तेलंगाना), शिवप्रसाद कुकरा (राजस्थान), मनोहर सिंह कांडा (हिमाचल), कारी वेणु माधव (आंध्र प्रदेश), अविनाश आनंद (दिल्ली), पीएम स्वर्णकार (मध्य प्रदेश), प्रहलाद सिंह (छत्तीसगढ़), संजय मामरे (महाराष्ट्र), अंजू सोनी महिला अध्यक्ष (झारखंड) भी शामिल हुए।