वाराणसी। जीयो और जीने दो एवं अहिंसा का सन्देश देने वाले वर्तमान शासन, अहिंसा के प्रमुख ध्वजवाहक, पंचशील सिद्धांत के प्रवर्तक एवं जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर श्री 1008 भगवान महावीर का 2622 वां त्रयोदशी महोत्सव श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में सोमवार 3 अप्रैल 2023 को भव्य शोभायात्रा निकाली गई। भगवान महावीर को चांदी के रथ पर विराजमान कराया गया।
कंही चैती तो कही सामूहिक भक्ति नृत्य की प्रस्तुती हुई। तीर्थंकर महावीर त्रयोदशी की भव्य शोभायात्रा प्रातः 8:30बजे श्री दिगम्बर जैन मन्दिर मैदागिन मंगल ध्वनि एवं पुष्प बर्षा के साथ निकाली गई। तीर्थंकर को बडे रथ पर विराजमान कर रथयात्रा मैदागिन से प्रारम्भ होकर बुलानाला, नीचीबाग, चौक, ठठेरी बाजार होते हुए सोराकुआ पहुंची।
चैत्र शुक्ल तेरस त्रयोदशी को पडने वाली तीर्थंकर जन्म कल्याणक पर धन-धन चैत की तेरस रामा भये महावीरा व भजनो की प्रस्तुती हुई।
जिस सुसज्जित विशाल रथ पर अराध्य देव विराजमान थे उसे भक्तगण स्वयं खींच रहे थे।
रथयात्रा मे राजस्थान से आई भजन मंडली व महिलाओ द्वारा धार्मिक भजन किये जा रहे थे।
शोभायात्रा में ध्वज पताका, अहिंसा परमो धर्म का बैनर, समाज का बैनर चल रहा था।
कई बैन्ड पार्टीयो द्वारा धार्मिक धुने बजाकर माहौल को भक्तिमय बनाया जा रहा था।
छोटे-छोटे बच्चे घोडो पर सवार होकर चल रहे थे। भारी संख्या में महिलाए संगठित होकर सजे परिधानों में सामूहिक एवं भक्ति नृत्य कर अपनी आस्था प्रकट कर रही थी।
रथयात्रा में बडा रजत हाथी, चंवर गाड़ी, धूप गाड़ी ,झंडी गाड़ी, रजत नालकी सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। इन्द्रगण भगवान को चंवर डोला रहे थे। पुरूष पारम्परिक वेश में केशरिया दुपट्टा ओढे भगवान महावीर के सन्देशो का गुणगान, उदघोष कर नगर को गुंजायमान कर रहे थे।
लोग रास्ते में पुष्प बर्षा के तीर्थंकर की आरती व शोभायात्रा का स्वागत कर रहे थे। कई सामाजिक संस्थाओ द्वारा शोभायात्रा का रास्ते भर स्वागत भी किया गया। सोराकुआ पर आयोजित चैती के बाद तीर्थंकर महावीर के विग्रह को इन्द्रों ने बड़े रथ पर से उतारकर रजत नालकी पर विराजमान कराकर नालकी को अपने कन्धे पर उठाकर जय-जय जिनेन्द्र देव की भव सागर नाव खेव की का उदघोष करते हुए ग्वाल दास साहू लेन स्थित श्री दिगम्बर जैन पंचायती शीशे वाला मन्दिर पहुंचे। वंहा जन्म कल्याणक की खुशी में प्राचीन परम्परागत बधाई गीतो की प्रस्तुती हुई। शहनाई की मंगल ध्वनि के बीच घन्टा-घडिय़ाल, ढोल, मंजीरे के साथ तीर्थंकर को रजत पाण्डुक शिला विराजमान कराकर इन्द्र के रूप में भक्तो ने 108 रजत कलशों से पंचाभिषेक एवं विशेष पूजन अर्चन किया।
वंही नरिया स्थित जैन मंदिर में भगवान महावीर की दिव्य विशाल प्रतिमा अभिषेक पूजन प्रातः किया। ग्वाल दास साहू लेन स्थित जैन मन्दिर में सायंकाल भगवान महावीर का जन्म कल्याणक झूलनोतसव एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया।
आयोजनों में प्रमुख रूप से सर्वश्री सभापति दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, संजय जैन, विनोद जैन, आर सी जैन प्रधान मन्त्री अरूण जैन, समाज मन्त्री तरूण जैन, विनय जैन, भूपेंद्र जैन, प्रदीप जैन, सौमित्र जैन, सौरभ जैन आलोक जैन श्री मति प्रमिला सांवरिया, आशा जैन, उषा रानी जैन उपस्थित थी स्वागत संयोजक द्वय रत्नेश जैन एवं राजेश भूषण जैन ने किया।