मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के अनुरूप प्रदेश को अग्रसर बनाने हेतु शिक्षा विभाग के विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने तथा सामूहिक दृष्टिकोण विकसित करने हेतु मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार डॉ. डीपी सिंह द्वारा बीएचयू के लक्ष्मण दास अतिथि गृह में शिक्षा विभाग से जुड़े विभिन्न विभागों की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा आदि के बारे विभागीय जानकारियां दी गयी। बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा निपुण भारत, ऑपरेशन कायाकल्प, प्रोजेक्ट विद्याशक्ति आदि के संबंध में जानकारियां दी गयीं तथा बताया गया कि ऑपरेशन कायाकल्प में सभी जिलों में बनारस टॉप पर है। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रोजेक्ट अलंकार, प्रवीण पंख, पहचान, पहुँच, संस्कृत शिक्षा को पुनर्जीवित करने के प्रयास तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बात रखी गयी। कौशल विकास द्वारा यूपीएसडीएम, पीएमकेवीवाई, स्किल मैपिंग के तहत संचालित कोर्सों की जानकारी दी गयी।
डॉ. डीपी सिंह द्वारा ने कहा कि उत्तर प्रदेश बदल रहा है। उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश के साथ आत्मनिर्भर प्रदेश बनने की तरफ भी अग्रसर है। हमारा प्रदेश वातार प्रदेश बने हमें इस दिशा में काम करना होगा जिसमें सबसे बड़ा योगदान शिक्षा विभाग का है। उन्होंने कहा कि कोर्स इस प्रकार डिजाइन हों कि डिमांड और सप्लाई के बीच गैप न हो। जिस प्रकार के ह्यूमन रिसोर्स की जरूरत है उसी हिसाब से बच्चों को स्किल्ड करने की आवश्यकता है। उन्होंने समाज में शिक्षक की भूमिका पर भी बल दिया कि शिक्षक केवल विद्यालयों में पढ़ाने तक सीमित न रहें बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण के साथ लीडरशिप क्वालिटी भी विकसित करें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप विश्वविद्यालयों को सरकार की बड़ी योजनाओं के इम्पैक्ट एनालिसिस में शामिल होना चाहिये तथा उसमें विद्यार्थियों को भी शामिल करना चाहिए ताकि योजना के स्वरूप को और व्यापक बनाया जा सके। विश्वविद्यालय केवल किताबों वाले संस्थान न बनें बल्कि विकास में भागीदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि समाज को सही दिशा दिखाने में सबसे बड़ा योगदान शिक्षा विभाग का ही है। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के द्वारा ही हम विद्यार्थियों में संस्कार, चरित्र निर्माण, उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कर सकते ताकि राष्ट्र निर्माण में उनकी प्रमुख भूमिका हो सके और प्रदेश के विकास में भी सहयोगी बन सकें। उन्होंने शोध पर विशेष बल देते हुए रिपीटेड शोध से बचने का आग्रह किया तथा कहा कि शोध के लिए अच्छे वातावरण बनायें ताकि शोध सामाजिक रूप से प्रासंगिक, स्थानीय आवश्यकता आधारित, राष्ट्रीय महत्व, विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण हो।
बैठक में बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद पाठक, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी दीप्ति सिंह, असिस्टेंट डीआईओएस जयराम सिंह, आईटीआई प्रिन्सिपल अनूप कुमार यादव, कौशल विकास के अभिषेक सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।