राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य को अपने बीच पाकर रामनगरवासी हुए गदगद्, बरसाए फूल
सरल, सहज और सादगी के प्रतिमूर्ति लक्ष्मण आचार्य को देख नहीं लगा कि वह सिक्किम राज्य के राज्यपाल है। महामहिम राज्यपाल जैसे पद को सुशोभित करने वाले लक्ष्मण आचार्य ने जब बाबतपुर एयरपोर्ट पर कदम रखा और विभिन्न मार्गों से होते हुए रामनगर पहुंचे तो उनके चेहरे पर वहीं सरलता, सहजता और सादगी का भाव नजर आया। सबका अभिवादन ऐसे कर रहे थे, जैसे वह राज्यपाल नहीं, काशी के एक सामान्य नागरिक हों। महामहिम राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य के प्रथम काशी आगमन पर समूची नगरी ‘हर-हर महादेव’ के उद्घोष से गूंज उठी। उत्साहित कार्यकर्ताओं और जनता-जनार्दन ने भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे भी लगाए। दोपहर करीब साढ़े 12.30 बजे सिक्किम के राज्यपाल महामहिम लक्ष्मण आचार्य वायुयान से बाबतपुर हवाई अड्डे पर पहुंचे। जहां भाजपा के वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों एवं प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। किसी ने पुष्प गुच्छ भेंट किया, तो किसी ने माल्यार्पण किया। किसी ने अंगवस्त्रम् ओढ़ाकर अपने पूर्व नेतृत्वकर्ता, मार्गदर्शक आचार्य का भव्य स्वागत किया। उत्साही पार्टीजन अपने मार्गदर्शक और अभिभावक को अपने बीच पाकर फुले न समाए। भाजपा काशी क्षेत्र के मीडिया प्रभारी व प्रवक्ता नवरतन राठी ने बताया कि सरल, सहज एवं मृदुभाषी आचार्य प्रारंभ से ही कार्यकर्ताओ के बीच अत्यंत लोकप्रिय रहे हैं। यह आज भी प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दिया, जब उन्होंने अपने पूरे यात्रा मार्ग में बाबतपुर से लेकर रामनगर तक बनाए गये सभी 15 स्वागत प्वाइंटों पर सुरक्षा घेरे की परवाह न करते हुए गाड़ी से उतरे और एक-एक कार्यकर्ता का अभिवादन स्वीकार किया। रामनगर में उमड़े जनसैलाब ने अपने लोकप्रिय अभिभावक का जोरदार स्वागत किया। कई बुजुर्गों के मुंह से निकला-‘ऐसी सादगी तो पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री में देखने को मिलती थी।’